सूचकांकों में सबसे ज्यादा भारांक रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बावजूद बेंचमार्क इक्विटीज में मामूली नुकसान दर्ज हुआ। बेंचमार्क सेंसेक्स 111 अंक टूटकर 52,908 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 28 अंक फिसलकर 15,752 पर टिका। आरआईएल का शेयर 7.3 फीसदी टूटकर 2,406 पर बंद हुआ। इस शेयर ने सेंसेक्स को 565 अंक नीचे खींच लिया। दूसरे शब्दों में अगर आरआईएल में तेज गिरावट नहीं आई होती तो सेंसेक्स करीब 500 अंक ऊपर बंद होता। निफ्टी का हिस्सा रहे ओएनजीसी के शेयर में 13.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। दोनों फर्मों के शेयर तब टूटे जब सरकार ने ईंधन के निर्यात व स्थानीय तेल उत्पादन पर कर लगा दिया ताकि वैश्विक स्तर पर तेल की बढ़ी कीमतों से हुए अप्रत्याशित लाभ से कर वसूला जा सके। एफएमसीजी, वित्तीय क्षेत्र और आईटी ने बाजारों को ऊर्जा क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद की। आईटीसी का शेयर 4 फीसदी से ज्यादा उछला जबकि ब्रिटानिया व एचयूएल में 3-3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, जिंसों की कीमतों में गिरावट के बाद एफएमसीजी क्षेत्र में मजबूत खरीदारी देखने को मिली क्योंकि अब भरोसा यह है कि कीमतें सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैं। लगातार तीन कारोबारी सत्रों में गिरावट के बावजूद सेंसेक्स व निफ्टी ने हफ्ते में 0.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की, जो लगातार दूसरे हफ्ते में हुई बढ़ोतरी है। व्यापक बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया और निफ्टी मिडकैप में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में 1 फीसदी की।
