छोटे शहरों में बड़ा कारोबार करेगी फ्लिपकार्ट | पीरजादा अबरार / बेंगलूरु July 01, 2022 | | | | |
बेंगलूरु ग्रामीण जिले के एक शहर नेलामंगला में फ्लिपकार्ट का राज्य में सबसे बड़ा किराना फुलफिलमेंट सेंटर है। करीब 1,50,000 वर्ग फुट में फैले इस केंद्र के भीतर महिला एवं पुरुष कर्मचारी बिस्कुट, चॉकलेट व जूस की बोतलों से लेकर शैंपू, फल एवं सब्जियों तक के लिए ऑर्डर को पूरा करने की प्रक्रिया को संभालने में व्यस्त हैं। इसमें ऑर्डर लेने, उसकी प्रॉसेसिंग और उत्पादों की स्कैनिंग जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। यहां विभिन्न गैजेट के जरिये गुणवत्ता, पैकेजिंग और शिपिंग की जांच की जाती है।
इस केंद्र में पिन कोड के आधार पर ऑर्डर की छंटनी करने के बाद अंतिम डिस्पैच तक की प्रक्रिया 100 फीसदी स्वचालित है। यहां एक स्वचालित भंडारण प्रणाली (एएस/आरएस) मौजूद है जिसमें कई रोबोट लोगों के साथ मिलकर लगातार काम कर रहे हैं। यह स्वचालन न केवल एक निश्चित क्रॉस-डॉक के ऑर्डर (टोट्स) को साथ लाता है बल्कि उन्हें अंतिम डिलिवरी के लिए एक क्रम में व्यवस्थित भी करता है। इसे स्वचालित तरीके से करने से जगह और कार्यबल में बचत होती है। साथ ही इससे ऑर्डरों को क्रम के साथ रखने में भी मदद मिलती है।
फ्लिपकार्ट की उपाध्यक्ष और ग्रोसरी कारोबार की प्रमुख स्मृति रविचंद्रन ने कहा, 'हम प्रौद्योगिकी को लगातार बेहतर कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'इससे गति और लागत दोनों मोर्चों पर हमें तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलती है।'
दरअसल, वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी देश भर में अपने किराना कारोबार को तेजी से बढ़ा रही है। यह किराना एवं खाद्य बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एमेजॉन, रिलायंस जियोमार्क और टाटा समूह जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। विश्लेषकों के अनुसार, यह श्रेणी में बाजार का आकार 2019 में 60.3 अरब डॉलर था जो बढ़कर 2024 तक 79 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस बाजार की मांग केवल महानगरों तक सीमित नहीं है। बाजार तेजी से संगठित चैनलों की ओर बढ़ रहा है क्योंकि छोटे शहरों और कस्बों में ई-ग्रोसरी की स्वीकार्यता बढ़ रही है।
रविचंद्रन ने कहा, 'हमारी लक्ष्य (ग्रोसरी के लिए) 20,000 पिन कोड तक पहुंचने की है।' उन्होंने कहा, 'किराना कारोबार में ऑर्डर की संख्या बढ़ने के साथ ही हम ग्रोसरी फुलफिलमेंट सेंटर का विस्तार भी करेंगे।' उन्होंने कहा, 'इस कारोबार को वास्तव में छोटे शहरों और कस्बों के घरों तक पहुंचने की आवश्यकता है। यदि आप छोटे शहरों में घरेलू खर्च के लिए भारतीय उपभोक्ता के बटुए पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि उसमें किराने की हिस्सेदारी काफी अधिक होती है। किराने में कोई निर्णायक भूमिका के बिना हम ई-कॉमर्स में अग्रणी नहीं रह सकते।'
फ्लिपकार्ट ग्रोसरी फिलहाल सभी 28 राज्यों में 1,800 से अधिक शहरों और 10,000 से अधिक पिन कोड वाले क्षेत्रों में कारोबार कर रही है। पिछले दो वर्षों के दौरान उसने 27.5 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैले 23 फुलफिलमेंट सेंटर की स्थापना करते हुए कारोबार को जबरदस्त रफ्तार दी है।
रविचंद्रन ने कहा, 'हमने छह महीने पहले किराना कारोबार का विस्तार 1,800 शहरों तक किया था और छोटे शहरों का कारोबार महानगरों के कारोबार के बराबर पहले ही हो चुका है।' इस ग्रोसरी लेबल के तहत 7,000 से अधिक उत्पादों की पेशकश की गई है जिसमें दैनिक घरेलू आपूर्ति, स्टेपल, स्नैक्स एवं पेय पदार्थ, कन्फेक्शनरी, पर्सनलकेयर और ताजे फल एवं सब्जियां शामिल हैं।
कंपनी प्राइवेट लेबल प्लेटफॉर्म सुपरमार्ट, हाइपरलोकल सर्विस क्विक और सोशल कॉमर्स इकाई शॉपी जैसे कई चैनलों के जरिये किराने की वस्तुओं की पेशकश करने के लिए विक्रेताओं के साथ काम कर रही है। कंपनी ने कहा है कि क्विक 90 मिनट से कम समय में उपभोक्ताओं को किराने का सामान उपलब्ध कराएगी। उसने अब बेंगलूरु, हैदराबाद और चेन्नई सहित पांच शहरों में डिलिवरी के समय को घटाकर 30 से 45 मिनट कर दिया है।
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