उद्योग में तेजी से बदल रही पीढ़ी | विवेट सुजन पिंटो और ईशिता आयान दत्त / मुंबई/कोलकाता June 30, 2022 | | | | |
भारतीय कंपनियों के बोर्ड में तेजी से पुरानी पीढ़ी की जगह नई पीढ़ी ले रही है। रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने मंगलवार को 30 वर्षीय आकाश अंबानी को नया चेयरमैन बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा गोदरेज, इमामी और टीवीएस समूह समेत अन्य समूहों में भी नए अगुआ कमान संभाल रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी को चलाने और संगठन की भविष्य की दिशा को लेकर स्पष्टता के नजरिये से उत्तराधिकार योजना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
ईक्यूब इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रबंध साझेदार हरीश एचवी ने कहा, 'जहां तक उत्तराधिकार योजना का सवाल है, भारत में पारिवारिक स्वामित्व वाले उद्यमों में काफी सुधार आया है। पहले यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप परिभाषित एवं संहिताबद्ध नहीं थी। लेकिन अब ज्यादातर पारिवारिक स्वामित्व वाले उद्यम परिवार परिषद बनाते हैं, जिसमें उत्तराधिकार योजना, कारोबार में परिवार के सदस्यों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका, भूमिका की अवधि आदि से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा की जाती है।'
इस महीने की शुरुआत में गोदरेज ऐंड बॉयस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के चेयरमैन जमशेद गोदरेज ने अपनी भांजी नायरिका होल्कर को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। होल्कर जमशेद की बहन स्मिता और विजय कृष्णा की बेटी हैं। वह पिछले कुछ साल से गोदरेज ऐंड बोयसे में रणनीति, विलय एवं अधिग्रहण, ब्रांड और कानूनी मामलों का प्रबंधन कर रही थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमशेद गोदरेज के लिए भविष्य के बारे में स्पष्टता जाहिर करने के लिए अपने उत्तराधिकारी के संबंध में औपचारिक घोषणा करना महत्त्वपूर्ण था।
इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, 'कंपनी को चलाने की दृष्टिकोण से स्पष्ट उत्तराधिकार योजना आवश्यक है।' उन्होंने कहा कि यहां तक कि मझोली और छोटी कंपनियां ही स्पष्ट उत्तराधिकार योजना बना रही हैं।
इस साल फरवरी में उपभोक्ता उत्पाद विनिर्माता इमामी ने नई उत्तराधिकार योजना का खुलासा किया था। कंपनी के संस्थापकों ने मार्गदर्शक की भूमिका संभाली और अगली पीढ़ी को नेतृत्व संभला दिया। कंपनी स्थापित करने वाले संस्थापकों आर एस अग्रवाल और आर एस गोनयका अपनी कार्यकारी भूमिकाओं से हट गए। आरएस अग्रवाल कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटकर मानद चेयरमैन बन गए और आर एस गोनयका कार्यकारी निदेशक की भूमिका छोड़कर गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका में आ गए।
बोर्ड ने इसके साथ ही मोहन गोयनका को वाइस चेयरमैन सह पूर्णकालिक निदेशक बना दिया और हर्ष वी अग्रवाल को वाइस चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया।
एक उपभोक्ता उत्पाद कंपनी डाबर इंडिया में परिवार परिषद 1998 में बनाई गई थी। उस समय परिवार ने प्रबंधन नियंत्रण पेशेवरों के हाथ में देने का फैसला किया था। कंपनी के बोर्ड में केवल बर्मन परिवार के सदस्य शामिल हैं और वे डाबर इंडिया की रणनीति की समीक्षा करते हैं।
किसी आईटी सेवा कंपनी की अगुआई कर रहीं एकमात्र महिला चेयरमैन रोशिनी नाडर मल्होत्रा ने वर्ष 2020 में अपने पिता शिव नाडर से एचसीएल टेक्नोलॉजी की कमान ली थी। एसीएल का बाजार पूंजीकरण 34 अरब डॉलर है। शिव नाडर अब कंपनी के मानद चेयरमैन हैं। रोशिनी चेयरपर्सन बनने से पहले कंपनी की वाइस चेयरमैन थीं।
वर्ष 2019 में विप्रो ने कंपनी की कमान अजीम प्रेमजी से लेकर उनके बेटे रिशद प्रेमजी को थमाई थी।
दक्षिण भारत किसी उद्योग के अगुआ के समूह की कमान अगली पीढ़ी को थमाने का प्रमुख उदाहरण वेणु श्रीनिवासन हैं। वह टीवीएस मोटर कंपनी और सुंदरम क्लेटोन के मानक चेयरमैन की भूमिका में आए और समूह की कमान अपने बेटे एवं बेटी समेत पेशेवरों को थमा दी।
(साथ में शार्लीन डिसूजा, शाइन जैकब और शिवानी शिंदे)
|