माल ढुलाई से जुड़ेगा रेलवे अधिकारियों का अप्रेजल | ध्रुवाक्ष साहा / नई दिल्ली June 30, 2022 | | | | |
माल ढुलाई और आमदनी के अपने महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य पूरे करने के लिए रेल मंत्रालय ने रेल कर्मचारियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन यानी अप्रेजल में माल ढुलाई के प्रदर्शन को भी रेटिंग के लिए शामिल कर लिया है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारतीय रेल के मंडलीय अधिकारियों के मूल्यांकन गणना के तरीके में थोड़ा बदलाव किया है जिसके तहत पूरे क्षेत्र के प्रदर्शन के आधार पर ‘प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई)’ के स्कोर को 30 फीसदी भार या वेटेज दिया जाएगा।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इन स्कोर में क्षेत्र और मंडल की आमदनी, माल ढुलाई और ट्रेनों की आवाजाही की दक्षता को भी अहम स्थान दिया जाएगा।’ फिलहाल रेलवे में 17 क्षेत्र या जोन और 68 मंडल या डिविजन हैं।
ये स्कोर रेलवे की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) का हिस्सा हैं। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी के वार्षिक मूल्यांकन नें एक-तिहाई हिस्सेदारी इन स्कोर की होगी और ये रेलवे बोर्ड के दक्षता एवं अनुसंधान निदेशालय द्वारा दिए जाएंगे।
रेल मंत्रालय ने यह कदम माल ढुलाई प्रदर्शन को अनुकूलतम स्तर तक ने जाने की अपनी मुहिम के तहत उठाया है। मंत्रालय का 2024 तक 200 करोड़ टन माल ढुलाई और 2030 तक 300 करोड़ टन सालाना माल ढुलाई तक पहुंचने का लक्ष्य है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय रेल ने 140 करोड़ टन से अधिक माल और कच्चे माल की ढुलाई की।
अधिकारी ने बताया, ‘हमें सुदूर कर्मचारियों का ध्यान भी इस एक बिंदु पर लाना होगा। रेलवे जैसी बड़ी संस्था के साथ समस्या यह है कि इसमें आत्मसंतुष्टि बहुत होती है, जिसके कारण मंडल के कर्मचारी अपने मूल काम के अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते।
इस कदम से हमें कर्मचारियों की व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षाओं को रेलवे के वृद्धि लक्ष्यों के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। इससे रेलवे को भी फायदा होगा।’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस बात की चिंता जताई जा रही है कि नई मूल्यांकन नीति में उन क्षेत्रों और मंडलों को ज्यादा फायदा मिलेगा, जहां माल ढुलाई से अधिक कमाई होती है मसलन पूर्व तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे। लेकिन मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया कि लक्ष्य कुल वृद्धि पर नहीं बल्कि आनुपातिक वृद्धि पर आधारित होंगे, जो अगले वित्त वर्षों के लिए मंत्रालय के अपने माल ढुलाई अनुमानों के अनुरूप हैं।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्रत्येक क्षेत्र की संभावनाओं, सीमाओं और बुनियादी ढांचे के विकास को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं।
हालांकि समूह के प्रदर्शन को पैमाना बनाया जाना असामान्य नहीं है और निजी क्षेत्र में आम तौर पर ऐसा ही होता है। मगर चिंता यह है कि माल ढुलाई प्रदर्शन और ट्रेन संचालन पूरी तरह से क्षेत्रीय कर्मचारियों के नियंत्रण में नहीं है, जिस कारण क्षेत्रों में असमान वृद्धि के आंकड़े दिख सकते हैं। वित्त वर्ष 2022 में कुल माल ढुलाई मंत्रालय के आंतरिक लक्ष्य के मुकाबले 0.94 प्रतिशत ज्यादा रही थी मगर 17 में से 7 रेलवे क्षेत्र लक्ष्य से पीछे रह गए थे। क्षेत्रीय लक्ष्य के मुकाबले सबसे बड़ी कमी 14 प्रतिशत थी जबकि लक्ष्य के मुकाबले अधिकतम वृद्धि 6.6 प्रतिशत थी, जिससे लगभग 23 प्रतिशत अंकों की एक सीमा तैयार हुई।
वार्षिक मूल्यांकन का 70 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी द्वारा स्व-मूल्यांकन की मौजूदा पांच-चरणीय पद्धति पर आधारित रहेगा। रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा मूल्यांकन और रेटिंग के दो चरण होंगे और फिर एक समीक्षा अधिकारी द्वारा रिपोर्टिंग अधिकारियों की रेटिंग और टिप्पणियों के मूल्यांकन के दो चरण और होंगे।
|