डॉलर के मुकाबले रुपया आज 0.5 प्रतिशत कमजोर होकर अपने निचले स्तर पर आ गया। डीलरों ने कहा कि कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तीव्र वृद्धि से घरेलू चालू खाते के घाटे तथा अधिक मुद्रास्फीति के संबंध में चिंता बढ़ी है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले बंद भाव 78.35 की तुलना में 78.77 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपया 78.86 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर तक पहुंच गया। रुपये का पिछला निम्नतम स्तर 22 जून को रुपये का 78.39 प्रति डॉलर था। कच्चे तेल के दाम मंगलवार को एशियाई कारोबार में करीब एक प्रतिशत बढ़ गए। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात ने कहा था कि वह क्षमता के करीब उत्पादन कर रहा है, जिससे इस उम्मीद को झटका लगा कि वह कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने में मदद कर सकता है। रॉयटर्स ने खबर दी है कि मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 1.08 डॉलर या 0.9 प्रतिशत बढ़कर 116.17 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जिसमें पिछले सत्र की तुलना में 1.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। तेल के दामों में इस ताजा तेजी, जो इस महीने की शुरुआत में जिंस की कीमत में तीव्र गिरावट के बाद आई है, से इस बात के मद्देनजर भारत के व्यापार घाटे के संबंध में नई चिंता पैदा हो गई है कि देश ईंधन की जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। भारतीय शेयर बाजार से लगातार विदेशी निवेश के बाहर जाने की भी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्यह्रास में कुछ भूमिका रही है। वर्ष 2022 में अब तक विदेशी निवेशकों ने 28.3 अरब डॉलर के भारतीय शेयरों की शुद्ध बिक्री की है। इसी अवधि में रुपया डॉलर के मुकाबले 5.6 प्रतिशत कमजोर हुआ है।
