ठाकरे ने कहा बागी संपर्क में, शिंदे ने पूछा कौन | सुशील मिश्र / June 29, 2022 | | | | |
महाराष्ट्र की सियासी जंग में जीत हासिल करने के लिए शिवसेना अपने तरकश का हर बाण आजमा रही है। उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों को मनाने की एक और भावुक अपील करते हुए असंतुष्ट विधायकों से मुंबई लौटने और बातचीत करने को कहा। हालांकि बागी विधायकों के रुख में कोई बदलाव आता नहीं दिख रहा है। शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस की सक्रियता देखकर लग रहा है कि बागी विधायकों के साथ मिलकर भाजपा सरकार बना सकती है।
उद्धव ठाकरे की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘अभी बहुत देर नहीं हुई है। मैं आपसे अपील करता हूं कि आप वापस आएं और मेरे साथ बैठें तथा शिवसैनिकों और जनता के बीच बने भ्रम को दूर करें। अगर आप वापस आते हैं और मुझसे बात करते हैं तो कोई रास्ता निकलेगा। पार्टी अध्यक्ष और परिवार के प्रमुख के रूप में मुझे अब भी आपकी परवाह है। गुवाहाटी में कुछ बागी विधायकों के परिवार के सदस्य उनके और पार्टी के संपर्क में हैं। आपके बारे में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है और आप में से कई लोग संपर्क में भी हैं। आप दिल से अब भी शिवसेना के साथ हैं।’
उद्धव ठाकरे के बयान पर एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि ये सभी विधायक हिंदुत्व को आगे ले जाने के लिए स्वेच्छा से यहां आए हैं। दूसरे पक्ष के कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यहां कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं। यदि ऐसा है, तो उन्हें विधायकों का नाम बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है, हमें दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के सपने वाली शिवसेना को आगे ले जाना है। हम हिंदुत्व की उनकी विचारधारा पर चलते रहेंगे। यहां मौजूद विधायकों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सभी विधायक खुश एवं सकुशल हैं। कोई भी व्यक्तिगत लाभ के लिए यहां नहीं आया है।
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंच गए और उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय देखे जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमवीए सरकार अल्पमत में आती है तो भाजपा, शिवसेना के बागियों के साथ सरकार बना सकती है।
ठाणे की पूर्व महापौर और जिले में शिवसेना की समन्वयक मीनाक्षी शिंदे को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इससे पहले, ठाणे के एक अन्य पूर्व महापौर नरेश म्हास्के और राहुल लोंदे को पार्टी से निकाला जा चुका है।
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