नवी मुंबई में रिलायंस कॉरपोरेट पार्क की सातवीं मंजिल पर अपना केबिन रखने से उन्होंने जानबूझकर ही परहेज किया। अब वह फ्लोर के किसी भी मीटिंग रूम में तुरंत बैठक करने के लिए चले जाते हैं खासतौर पर जब बैठक में भाग लेने वालों की संख्या बहुत अधिक हो। उनके साथ काम करने वाले कहते हैं कि वह अपने पिता के साथ काम करने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों का पूरा सम्मान करते हैं और बात करते समय उनके नाम के साथ ‘जी’ लगाते हैं। एक अधिकारी को अब भी याद है कि जब रिलायंस जियो ने ग्राहकों की संख्या का एक बड़ा रिकॉर्ड कायम कर लिया था तब उन्होंने उन्हें गले लगाया और ऐसी सफलता पाने के लिए अपनी युवा टीम की पीठ भी थपथपाई। हम जिस शख्स का जिक्र कर रहे हैं वह ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाले आकाश अंबानी हैं जिन्हें क्रिकेट और फुटबॉल दोनों से प्यार है (मुंबई इंडियंस टीम में वह भी मालिक हैं)। मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश पहले से ही मुख्य रणनीति अधिकारी के तौर पर डिजिटल और 4 जी कारोबार में काफी दिलचस्पी लेते रहे हैं और अब वह उत्तराधिकार योजना के तहत अपने पिता के बाद कंपनी के नए अध्यक्ष के रूप में कंपनी की बागडोर संभालेंगे। यह बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन रिलायंस के सभी बड़े फैसलों में आकाश की सक्रिय भागीदारी रही है। उनके साथ बातचीत करने वाले सभी लोगों का कहना है कि छह साल से अधिक समय से उन्होंने कारोबार के बिक्री, विपणन और राजस्व के मोर्चे पर बेहद करीब से काम किया है और कारोबार पर उनकी मजबूत पकड़ भी है। ऐसे में उन्हें केवल तकनीक में दिलचस्पी रखने वाला व्यक्ति नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कंपनी को डिजिटल और प्रौद्योगिकी की दिशा में आगे बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूत्रों का कहना है कि जियो फोन नेक्स्ट स्मार्टफोन का निर्माण गूगल के साथ मिलकर करने से लेकर ब्रांडिंग तक की पूरी कार्ययोजना उनके ही दिमाग की उपज थी और इसमें काम अभी चल रहा है।
