आपसी भिड़ंत की आशंका से भयभीत कारोबारी | सुशील मिश्र / June 27, 2022 | | | | |
महाराष्ट्र का सियासी संग्राम अब सत्ता तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई भी शुरू हो गई। विरोध प्रदर्शन अब तोड़ फोड़ और एक दूसरे के दफ्तरों पर हमले की तरफ बढ़ चुका है। शिवसेना की तरफ से बागी विधायकों को चेतावनी और धमकियां खुले आम दी जा रही है। जिससे राज्य में भय का माहौल बनता जा रहा है। शिवसैनिकों की आपसी राजनीतिक रस्साकशी उग्र रूप लेती है तो सबसे ज्यादा नुकसान कारोबारी समाज को होगा, जिसका खमियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ सकता है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत कहते हैं कि हज़ारों-लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है। शिवसैनिकों के गुस्से का विस्फोट हो सकता है, अगर शिवसैनिक भड़क गए तो आग लग जाएगी। जिसको रोकना मुश्किल होगा। कारोबारी समाज को डर लग रहा है कि ये दोनों गुट आपस में भिड़े तो सबसे ज्यादा नुकसान कारोबार का ही होगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) मुंबई प्रांत के अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी आपसी राजनीति का हल राजनीतिक तरीके से ही खोजे, क्योंकि इनकी लड़ाई सड़क पर आई तो सबसे ज्यादा नुकसान छोटे कारोबारियों को ही होगा। दो साल कोरोना से परेशान होने के बाद अब कारोबार पटरी पर आया है। राज्य में भय का माहौल बनता जा रहा है जिसका असर जल्द ही सप्लाई चेन पर पड़ सकता है। ठक्कर कहते हैं कि सप्लाई चेन टूटती है तो कारोबारी से ज्यादा जनता परेशान होती है। कारोबारी समाज राजनीतिक दलों से निवेदन करता है कि आपसी मतभेद का शिकार कारोबारी संगठनों और दुकानदारों को मत बनाया जाए।
कारोबारी संस्था भारत मर्चेंट चैंबर के ट्रस्टी राजीव सिंगल कहते हैं कि पुलिस ने मुंबई और आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी है , समाचार चैनलों के माध्यम से यह खबर पूरे देश में पहुंच चुकी है। दूसरे राज्यों और विदेशों से आने वाले कारोबारियों को लग रहा है कि मुंबई में कभी भी दंगा हो सकता है जबकि ऐसा कुछ नहीं है, इसके बावजूद व्यापारियों ने अपनी कारोबारी यात्रा को टालना शुरु कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन से जुड़े होटल सहित सभी उद्योगों पर पड़ेगा। वह कहते हैं कि राजनीतिक दलों से निवेदन है कि कोई भी तोड़ फोड़ न करे, इससे कारोबार और महाराष्ट्र का नुकसान हो रहा है क्योंकि तोड़ फोड़ की तस्वीरें दिन भर टीवी चैनलों पर चलती हैं जिससे बाहर से आने वाले कारोबारियों के अंदर भय का माहौल बनता जा रहा है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे समर्थक शिवसैनिकों की संभावित भिड़ंत से छोटे कारोबारी इस कदर भयभीत हैं कि हर छोटी बात पर बात करने वाली संस्थाएं इस मुद्दे पर खुलकर बात करने से बच रही हैं। इनका कहना है कि समाचार पत्रों में हमारा नाम आया तो हमें भी राजनीतिक गुटबाजी का शिकार बनाया जा सकता है।
|