एफपीआई कुछ खास क्षेत्रों में कर रहे हैं ज्यादा बिकवाली | सचिन मामबटा / मुंबई June 24, 2022 | | | | |
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने कुल बिकवाली के मुकाबले कुछ क्षेत्रों में दोगुनी तेजी से निकासी की है। पाक्षिक डिपोजिटरी आंकड़े से पता चलता है कि मई से एफपीआई अपनी कुल इक्विटी निवेश अधीन परिसंपत्तियों में से करीब 0.6 प्रतिशत से बाहर हुए हैं। उनकी बिकवाली कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (1.6 प्रतिशत) धातु एवं खनन (1.7 प्रतिशत), दूरसंचार (2.2 प्रतिशत) और निर्माण सामग्री (2.4 प्रतिशत) समेत कई क्षेत्रों में ज्यादा या दोगुनी दर्ज की गई।
एफपीआई निवेश पर आंकड़ा दैनिक आधार पर उपलब्ध है। विश्लेषण में इस कुल आंकड़े के क्षेत्रीय विभाजन पर अतिरिक्त पाक्षिक जानकारी को शामिल किया गया है। ताजा आंकड़ा 15 जून तक का है। इससे पता चलता है कि एफपीआई ने 15 जून तक 24,949 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। यह बिक्री जून के पहले दो सप्ताहों में उनकी कुल होल्डिंग के करीब 1 प्रतिशत के बराबर थी।
22 जून तक कुल एफपीआई द्वारा निवेश निकासी का आंकड़ा बढ़कर 41,218 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
विदेश निवेशकों ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में 8,050 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। यह कुल पूंजी निकासी के संदर्भ में सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी (3,702 करोड़ रुपये) का स्थान है। लेकिन उनकी कुल होल्डिंग के प्रतिशत के तौरपर देखा जाए तो यह इस क्षेत्र में बिकवाली उतनी ज्यादा नहीं रही। आईटी शेयरों के लिए इस क्षेत्र में कुल एफपीआई परिसंपत्तियों के 0.7 प्रतिशत के बराबर बिकवाली दर्ज की गई। वहीं वित्तीय सेवा क्षेत्र में निकासी समान (0.6 प्रतिशत) रही। कुछ क्षेत्रों में पूंजी प्रवाह आकर्षित भी है, हालांकि यह छोटी मात्रा में दर्ज किया गया। इनमें सेवा (0.3 प्रतिशत), तेल, गैस और इस्तेमाल योग्य ईंधन (0.2 प्रतिशत), रसायन (0.1 प्रतिशत), और टेक्स्टाइल (0.1 प्रतिशत) शामिल हैं। पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 770 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश दर्ज किया गया, जिसके साथ ही यह पूंजी प्रवाह के संदर्भ में सबसे बड़ा लाभार्थी बन गया।
बढ़ते पूंजीगत खर्च के कई संकेत दिख रहे हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है, 'हमारे सर्वे के शुरुआती परिणामों के अनुसार, निर्माण क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में बढ़कर 74.5 प्रतिशत हो गया, जो तीसरी तिमाही में 72.4 प्रतिशत था। क्षमता इस्तेमाल 2022-23 में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।'
उन्होंने कहा, 'निवेश गतिविधि मजबूत होने की संभावना है और इसे क्षमता इस्तेमाल, सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च पर जोर दिए जाने और कॉरपोरेट बैलेंस शीट पर कर्ज कम किए जाने से मदद मिलने की संभावना है। निवेश गतिविधि में सुधार का असर बैंक ऋण में मांग वृद्धि और पूंजीगत वस्तुओं के आयात में तेजी के तौर पर भी दिखा है।'
वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म 'बैंक ऑफ अमेरिका कॉरपोरेशन' की जून 2022 की इक्विटी स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली बरकरार रहने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि 34 में से 26 बैंक तरलता नियमों को सख्त बनाने पर जोर दे रहे हैं और यही वजह है कि रक्षात्मक क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है, जिनमें स्टैपल्स, हेल्थकेयर, और यूटिलिटीज मुख्य तौर पर शामिल हैं। शोध विश्लेषकों अमीश शाह, अंकुर देवरे, और उदित ढेकले द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है, 'तरलता को लेकर ज्यादा सख्ती बरतना इक्विटी बाजारों के लिए नकारात्मक है।'
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