इस महीने नकद खंड में इक्विटी बाजार का कारोबार महामारी के पूर्व स्तर पर आ गया जबकि डेरिवेटिव का कारोबार रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास है। इस महीने 22 जून तक नकद खंड में औसत दैनिक कारोबार 48,011 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी 2020 के 40,000 करोड़ रुपये से सबसे कम है। मासिक आधार पर औसत दैनिक कारोबार 22 फीसदी कम रहा और अप्रैल के मुकाबले यह 35 फीसदी कम है। इस बीच इक्विटी डेरिवेटिव का दैनिक औसत कारोबार इस महीने करीब 106 लाख करोड़ रुपये रहा। बाजार के भागीदारों का कहना है कि इस महीने शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण खुदरा निवेशकों की भागीदारी घटी है। दूसरी ओर नियामकीय बदलावों से निवेशक नकद सेगमेंट से डेरिवेटिव की ओर गए हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में 75 आधार अंक का इजाफा किए जाने के बाद बिकवाली बढ़ने से पिछले हफ्ते बेंचमार्क सूचकांक 13 महीने के निचले स्तर पर आ गए थे। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विजय चंडोक ने कहा, ‘खुदरा निवेशकों की भागीदारी में काफी कमी देखी जा रही है।’ उन्होंने कहा कि नकद आपूर्ति में गिरावट के रुझान से इस सेगमेंट के भागीदारों पर असर पड़ा है जबकि वायदा एवं विकल्प सेगमेंट पर ज्यादा निर्भर रहने वाले भागीदार बेहतर स्थिति में हैं। अक्टूबर 2021 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से घरेलू शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और दिसंबर में तेज गिरावट के बाद जनवरी में तेजी आई। उसके बाद मार्च में फिर लुढ़क गया और अप्रैल में चढ़ने लगा। लेकिन पिछले दो महीने में बॉन्ड प्रतिफल सुधरने के साथ बाजार में गिरावट का रुख बना हुआ है। ब्रोकिंग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बाजार में इस तरह की उठा-पटक से निवेशक हतोत्साहित होते हैं। येस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी ई प्रशांत प्रभाकरन ने कहा, ‘खुदरा निवेशक स्वाभाविक तौर पर तेजड़िए होते हैं। इसलिए बाजार में तेजी नहीं रहने पर उनकी भागीदारी घट जाती है...यह साल बाजार के लिए कठिन है और उतार-चढ़ाव चरम में होगा।’ स्मॉल और मिडकैप में तेज गिरावट से खुदरा निवेशकों को भारी चपत लगी है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 अपने उच्चतम स्तर से क्रमश: 30 फीसदी और 20 फीसदी टूट चुका है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘अक्टूबर 2021 के बाद से भारी बिकवाली के कारण खुदरा निवेशकों का मनोबल प्रभावित हुआ है। खुदरा निवेशकों का ज्यादातर दांव स्मॉलकैप और मिडकैप पर होता है और सबसे ज्यादा मार इन्हीं शेयरों पर पड़ी है।’ घरेलू निवेशकों की भागीदारी में कमी से बाजार में आगे और गिरावट की आशंका है। अक्टूबर 2021 से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने रिकॉर्ड 40 अरब डॉलर की बिकवाली की है। हालांकि इसकी कुछ हद तक भरपाई घरेलू संस्थागत निवेशकों जैसे म्युचुअल फंडों द्वारा की गई है। लेकिन अब म्युचुअल फंडों की ओर से भी निवेश घट रहा है।
