देश में ऑर्थोडॉक्स टी (परंपरागत तरीके से उत्पादित चाय) के भारतीय उत्पादकों के लिए यह एक व्यस्त मौसम है। इसकी वजह यह है कि दुनिया में ऑर्थोडॉक्स चाय का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिससे भारत के लिए एक अवसर मिलने की संभावना बन गई है। श्रीलंका की ऑर्थोडॉक्स चाय के विदेशी खरीदारों की तरफ से आजकल भारतीय बागान मालिकों और निर्यातकों को लगातार संदेश मिल रहे हैं और नीलामी केंद्रों पर कीमतों में भी यह उत्साह देखा जा रहा है। श्रीलंका के चाय निर्यातक संघ की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि इस देश में जनवरी-अप्रैल 2022 के दौरान कुल उत्पादन 1.83 करोड़ किलोग्राम से कम था। इस अवधि के दौरान निर्यात में 42.4 लाख किलोग्राम की कमी आई। हालांकि इक्रा के उपाध्यक्ष कौशिक दास कहते हैं, ‘श्रीलंका के 28.6 करोड़ किलोग्राम के कुल निर्यात की तुलना में निर्यात में हुई गिरावट महत्त्वपूर्ण नहीं है लेकिन सामग्री की कमी हो सकती है।’ऑर्थोडॉक्स चाय तैयार और निर्यात करने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक, एम के शाह एक्सपोर्ट्स का कहना है कि नए भौगोलिक क्षेत्रों से लोग काफी पूछताछ कर रहे हैं। एम के शाह एक्सपोर्ट्स के अध्यक्ष हिमांशु शाह ने कहा, ‘ईरान, तुर्की, इराक और रूस जैसे बड़े आयातकों की दिलचस्पी भारत की ऑर्थोडॉक्स चाय में देख रहे हैं। कुछ लोग कोलकाता और असम के चाय बागानों का भी दौरा कर रहे हैं।’ बढ़ी मांग का असर कीमतों पर भी दिख रहा है। कोलकाता की पिछली दो बोली के दौरान ऑर्थोडॉक्स चाय पत्ती की औसत कीमत 367.16 रुपये प्रति किलोग्राम और 373.49 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले साल की तुलना में क्रमशः 41 प्रतिशत और 35.5 प्रतिशत की वृद्धि है। चालू वित्त वर्ष के मध्य में ऑर्थोडॉक्स चाय 336 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर था। अमलगमेटेड प्लांटेशंस प्राइवेट (एपीपीएल) के प्रबंध निदेशक, विक्रम सिंह गुलिया ने कहा, ‘जिस तरह से ऑर्थोडॉक्स चाय की बोली लग रही है, यह एक मजबूत मांग को दर्शाता है। यह स्पष्ट है कि श्रीलंका से आपूर्ति में पैदा हुए अंतर की वजह से भारतीय चाय के लिए मौका तैयार हो रहा है।’ उत्तर भारत में बागानों का संचालन करने वाली पूर्ववर्ती टाटा टी से ही एपीपीएल कंपनी बनी है जो आमतौर पर नीलामी में अपनी चाय बेचती है और यह अब सीधे ईरान में खरीदारों तक पहुंच रही है। गुलिया ने कहा कि यह एक क्रमिक प्रक्रिया होगी। 2021 में श्रीलंका के शीर्ष पांच खरीदार इराक, तुर्की, रूस, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान थे। कुछ भारत के प्रमुख बाजार भी हैं और भारत के निर्यात में रूस, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत से अधिक है। देश में दो तरह की चाय तैयार होती है जिसमें एक सीटीसी और दूसरी ऑर्थोडॉक्स चाय है। वित्त वर्ष 2022 के 134.4 करोड़ किलोग्राम के कुल उत्पादन में से ऑर्थोडॉक्स चाय 11.3 करोड़ किलोग्राम के स्तर पर है। पिछले दो सालों में परंपरागत चाय का उत्पादन कम रहा है। गुडरिक ग्रुप के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल अस्थाना का कहना है, ‘पिछले दो सालों से ऑर्थोडॉक्स चाय के बाजार में गिरावट आई है। लेकिन कीमतें अब बढ़ी हैं। ’ हालांकि असम में बाढ़ आने से उत्पादन और माल लदाई पर भी असर पड़ रहा है।
