तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश भर के विभिन्न हिस्सों में इसका भारी विरोध हो रहा है। इस बीच देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने इस योजना का समर्थन करते हुए वादा किया है कि सेना से चार साल बाद सेवानिवृत्ति के बाद वे इन अग्निवीरों को नियुक्त करेंगे। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘कारोबारी क्षेत्र में नेतृत्व, टीमवर्क और शारीरिक प्रशिक्षण में कुशल इन अग्निवीरों के लिए रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। ये अग्निवीर सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उद्योग के लिए प्रशिक्षित पेशेवर होंगे, जिन्हें प्रशासन से लेकर आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन तक के कामों में लगाया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि महिंद्रा समूह इन प्रशिक्षित और सक्षम युवाओं को नियुक्त करने के अवसर का स्वागत करता है। टाटा समूह ने कहा कि अग्निपथ योजना न केवल युवाओं को देश के रक्षा बलों में सेवाएं देने का शानदार अवसर है बल्कि उद्योग के लिए बेहद अनुशासित और प्रशिक्षित युवा भी उपलब्ध होंगे। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा समूह अग्निवीरों की क्षमता का सम्मान करता है और इससे मिलने वाले अवसर का स्वागत करता है।’ रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने रविवार को एक समाचार चैनल पर कहा था कि केंद्र सरकार ने रिलायंस और भारत फोर्ज सहित 85 भारतीय कंपनियों से चार साल की सेवा के बाद इन अग्निवीरों को नियुक्त करने के लिए संपर्क किया है और उद्यमियों की ओर से इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। आरपीजी समूह के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने भी कहा कि उनका समूह बेहद प्रशिक्षित कर्मियों को नियुक्त करने के अवसर का स्वागत करेगा। गोयनका ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि अन्य कंपनियां भी आगे आएंगी और हमारे युवाओं का भविष्य सुनिश्चित करने का वादा करेंगी।’ उद्योग जगत के मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि युवाओं के प्रशिक्षण के लिए सशस्त्र बलों से बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती है। जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने कहा कि स्विट्जरलैंड, इजरायल, सिंगापुर जैसे देशों में नागरिकों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण लेना होता है और राष्ट्र की ताकत और चरित्र निर्माण के लिए सेना द्वारा राष्ट्रवाद के मूल्यों और अनुशासन की शिक्षा दी जाती है। जिंदल ने कहा, ‘भारत जैसे युवा देश में अग्निवीर जैसे अनुशासित और प्रशिक्षित युवाओं की फौज को नियुक्त करना किसी भी संगठन के लिए वरदान की तरह है। सेना में चार साल का प्रशिक्षण युवाओं को बाजार में उपलब्ध बेहतर रोजगार हासिल करने के लिए तैयार करेगा।’ टीवीएस मोटर कंपनी के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने कहा, ‘अग्निपथ योजना का समाज पर भी उल्लेखनीय सकारात्मक असर पड़ेगा और यह राष्ट्र निर्माण में अहम यागदान देगा। अग्निवीर आने वाले वर्षों में आर्थिक वृद्धि को गति देंगे और समाज को सुदृढ़ता प्रदान करेंगे।’ मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रबंध निदेशक अमीरा शाह ने कहा कि यह उम्मीदवारों की काबिलियत पर निर्भर करता है और सभी पूर्व अग्निवीर अपने आप में अच्छे उम्मीदवार होंगे इसकी गारंटी नहीं है। हमारे यहां कुछ पूर्व सैनिक हैं और कई वर्षों के प्रशिक्षण के बाद उन्हें उनके काम के लिए प्रतिबद्ध और अनुकूल बनाया गया है। बायोकॉन की संस्थापक चेयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि अग्निवीरों के पास औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार पाने के विशिष्ट लाभ होंगे। (देव चटर्जी, सोहिनी दास, शाइन जैकब और शैली सेठ मोहिले)
