भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन में बाल चिकित्सा में सुरक्षित, सहनशील और प्रतिरक्षक साबित हुई है। समीक्षा पत्र द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी मिली है। भारत बायोटेक के पास आवश्यकतानुसार वितरित करने के लिए कोवैक्सीन की पांच करोड़ से अधिक खुराकों का स्टॉक है। कंपनी ने दावा किया है कि कोवैक्सीन दो से 18 वर्ष वाले आयु वर्ग में दुनिया के पहले ऐसे कोविड-19 के टीकों में से एक है, जिसने आंकड़े तैयार किए हैं। भारत में बच्चों को दी गई पांच करोड़ से अधिक खुराकों के आंकड़ों में न्यूनतम दुष्प्रभाव सामने आए हैं। इन आंकड़ों की अब समीक्षा की गई है और इन्हें द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज में प्रकाशित किया गया है। भारत बायोटेक ने टीकाकरण के बाद टीके से संबंधित प्रतिकूल मामलों (एईएफआई) जैसे मायोकार्डिटिस, रक्त के थक्के और पेरिकार्डिटिस दर्ज नहीं किए है। भारत बायोटेक ने कहा कि बच्चों में न्यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडी वयस्कों की तुलना में औसतन 1.7 गुना अधिक थी। कोवैक्सीन की यही खुराक वयस्कों और बच्चों को प्राथमिक टीकाकरण और बूस्टर खुराक के लिए दी जा सकती है। भारत बायोटेक ने दो से 18 आयु वर्ग में स्वस्थ बच्चों और किशोरों में कोवैक्सीन की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए दूसरे/तीसरे चरण, ओपन-लेबल और बहु-केंद्र वाले अध्ययन आयोजित किए हैं। जून 2021 और सितंबर 2021 के बीच बच्चों में किए गए क्लीनिकल परीक्षण से पता चला है कि यह टीका सुरक्षित, कम प्रतिक्रियाशील और जोरदार रूप से प्रतिरक्षी है। ये आंकड़े अक्टूबर 2021 में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को प्रस्तुत किए गए थे और छह से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी हरी झंडी मिली थी। द लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि 27 मई, 2021 से 10 जुलाई, 2021 तक हमने 526 बच्चों को तीन समूहों में शामिल किया। टीकाकरण भली-भांति सहनशील रहा, तीनों आयु समूहों के बीच प्रतिक्रियात्मक रूप से कोई अंतर नहीं था तथा किसी प्रतिकूल मामले की वजह से कोई गंभीर प्रतिकूल घटना, मृत्यु या परीक्षण से हटने जैसी बात नहीं हुई। भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि बच्चों के लिए टीके की सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है और हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कोवैक्सीन के पास अब बच्चों में सुरक्षा और प्रतिरोधात्मकता के लिहाज से सिद्ध हो चुके आंकड़े हैं।
