कोविन से नदारद कोर्बेवैक्स | |
सोहिनी दास / 06 16, 2022 | | | | |
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक के बाद तीसरी खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स टीके के इस्तेमाल से संबंधित किसी आंकड़े की समीक्षा नहीं की है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी आई है। भारतीय दवा महानिरीक्षक (डीसीजीआई) ने तीसरी खुराक के तौर पर कोर्बेवैक्स के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी मगर कोविन पोर्टल पर विकल्प के रूप में यह टीका नहीं दर्शाया जा रहा है।
एनटीएजीआई के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बैठकों में शामिल होने वाले विषयों पर निर्णय लेता है और फिर एनटीएजीआई जरूरी समीक्षा करता है। अधिकारी ने कहा, स्वास्थ्य मंत्रालय से तीसरी अलग खुराक के रूप में बायोलॉजिकल ई-वैक्सीन के कोर्बेवैक्स पर विचार करने के लिए अब तक संवाद नहीं आया है। इस महीने के अंत में एक बैठक जरूर होने वाली है मगर इसमें चर्चा होने वाले विषयों को लेकर फिलहाल पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि कुछ मामलों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस पर निर्णय ले सकती है कि निजी बाजारों में एक तीसरी अलग खुराक-बूस्टर डोज- के रूप इस टीके का इस्तेमाल हो सकता है या नहीं। एनटीएजीआई स्वयं कंपनियों को आंकड़े पेश करने के लिए नहीं कहता है। ऐसा तभी होता है जब स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय विषयों में इसका जिक्र शामिल होता है।
हैदराबाद की इस कंपनी ने 4 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए तीसरी खुराक के रूप में डीसीजीआई ने कोर्बेवैक्स के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में अब तक कोई बयान नहीं दिया है।
कंपनी ने कहा, 'कुछ दिन पहले बायोलॉजिल-ई ने परीक्षण के आंकड़े डीसीजीआई को सौंपे थे। डीसीजीआई ने विस्तृत समीक्षा और सब्जेक्ट एक्सपटृर्स कमेटी के साथ चर्चा के बाद उन लोगों को तीसरी खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स टीके के इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी जो कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक लगवा चुके हैं। कंपनी द्वारा किए गए परीक्षण के नतीजों से पता चला है कि तीसरी खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स लगाने से शरीर में प्रतिरोध क्षमता काफी बढ़ती है। 'बायोलॉजिकल-ई ने कहा था कि कोविन ऐप या कोविन पोर्टल पर कोर्बेवैक्स की खुराक के लिए स्लॉट बुक किया जा सकता है। कंपनी से यह पूछा गया कि कोविन पर तीसरी खुराक के एक विकल्प के रूप में कोर्बेवैक्स क्यों नहीं दर्शाया जा रहा है। इसके जवाब में कंपनी के सूत्र ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद कुछ अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं और वे फिलहाल सरकार से संवाद प्राप्त होने का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि निजी अस्पताल पर फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं। किसी भी बड़े निजी अस्पताल ने कोर्बेवैक्स के लिए बडे़ पैमाने पर ऑर्डर नहीं दिए हैं। यह अलग बात है कि सभी वयस्कों में तीसरी खुराक के तौर पर कोर्बेवैक्स के इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है। एक बडे निजी अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, हम कोवैक्सीन और कोविशील्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोविन पर एक विकल्प के रूप में कोर्बेवैक्स नहीं दर्शाया जा रहा है इसलिए हम स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।
टीका उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि वयस्कों को एहतियाती खुराक निजी टीकाकरण केंद्रों में ही लगाई जानी हैं इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चाहे तो वह इसमें एनटीएजीआई को शामिल नहीं भी कर सकता है। टीका बनाने वाली एक कंपनी के प्रबंध निदेशक ने कहा,
'एनटीएजीआई इस बात का निर्णय लेती है कि सार्वजनिक धन का इस्तेमाल टीकाकरण पर किसी तरह किया जाना है और इस पहलू को ध्यान में रखते हुए वह राष्ट्रीय टीकाकरण नीति से संबंधित निर्णय लेता है।' हालांकि कोविड से इतर दूसरे टीकों के साथ यह बात लागू होती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के लिए टीकाकरण नीति पर निर्णय केंद्र के स्तर पर होता आया है इसलिए अलग-अलग कंपनियों के खुराक देने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय संभवतः एनटीएजीआई के विशेषज्ञों के साथ परामर्श करेगा।
बूस्टर डोज का समय घटाने पर विचार
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) छह से 12 साल के बच्चों में कोवैक्सीन और कोर्बेवैक्स टीकों से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए गुरुवार को एक बैठक करेगा। इस दौरान समूह दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के अंतराल को मौजूदा नौ महीने से घटाकर छह माह करने पर भी विचार-विमर्श करेगा। एनटीएजीआई की यह बैठक भारत में कोविड-19 के मामले में हालिया वृद्धि के बीच हो रही है। भाषा
|