पांच कारोबारी सत्र में 5 फीसदी टूटा निफ्टी | सुंदर सेतुरामन / मुंबई June 15, 2022 | | | | |
बेंचमार्क सूचकांकों में मंगलवार को लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज हुई क्योंकि दरों में आक्रामक बढ़ोतरी और उसके आर्थिक असर को लेकर चिंता निवेशकों को परेशान करते रहे। बेंचमार्क सेंसेक्स ने कारोबारी सत्र में अच्छी बढ़त दर्ज की थी लेकिन उसे बरकरार नहीं रख पाया और 153 अंकों की गिरावट के साथ 52,693.57 पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 42 अंकों की फिसलन के साथ 15,732 पर बंद हुआ। पांच कारोबारी सत्रों में निफ्टी 4.73 फीसदी टूटा है और इस तरह से इंडेक्स का यह 28 जुलाई 2021 के बाद का निचला स्तर है।
दुनिया भर में बढ़ती महंगाई ने केंद्रीय बैंकों को आक्रामकता के साथ मौद्रिक सख्ती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के लिए बाध्य किया है। इस हफ्ते हुई बिकवाली अमेरिका के महंगाई के आंकड़ों के बाद शुरू हुई, जो मई में 8.6 फीसदी पर पहुंच गया, जो चार दशक का उच्चस्तर है।
10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल सोमवार को 3.2 फीसदी पर कारोबार कर रहा था, जो नवंबर 2018 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। निवेशकों को लग रहा है कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से हो रही ब्याज बढ़ोतरी अर्थव्यवस्थाओं को मंदी की ओर धकेल सकता है, ऐसे में वे जोखिम वाली परिसंपत्ति से बच रहे हैं।
मंगलवार को एफपीआई ने 4,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और इस तरह से महीने में अब तक उनकी कुल बिकवाली 3 अरब डॉलर के पार निकल गई।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक 14 व 15 को होगी और ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की `बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि महंगाई के आंकड़े देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व 75 आधार अंकों का इजाफा कर सकता है। कुछ विशेषज्ञ 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी का सुझाव दे रहे हैं।
फेडरल रिजर्व के प्रमुख जीरोम पॉवेल ने माना है कि बेरोजगारी की दर बढ़ सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नतीजे और बुधवार को उसकी टिप्पणी अल्पावधि में बाजार की दिशा तय करेगा। वैश्विक स्तर पर उच्च महंगाई का माहौल, चीन में फिर से पाबंदी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें बाजार पर कुछ समय दबाव बना सकता है। देसी मोर्चे पर एफआईआई की लगातार बिकवाली, कमजोर रुपया निवेशकों की जोखिम लेने की इच्छा पर और असर डालेगा।
भारत में थोक कीमत पर आधारित महंगाई के आंकड़े मई में 15.8 फीसदी रहे, जो तीन दशक का सर्वोच्च स्तर है। मई में उपभोक्ता कीमत पर आधारित महंगाई 7.04 फीसदी रही है। यह लगातार छठा महीना है जब खुदरा महंगाई आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य से ऊपर है।
निफ्टी कंपनियों का प्रदर्शन
बेंचमार्क निफ्टी मंगलवार को 28 जुलाई, 2021 के बाद के सबसे निचले स्तर स्तर पर बंद हुआ। इंडेक्स हालांकि अभी उसी स्तर पर है, जो वह करीब 11 महीने पहले था लेकिन इसमें शामिल कई कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला है। अभी दवा व धातु क्षेत्र के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर है, वहीं सरकारी स्वामित्व वाली फर्मों एनटीपीसी, पावर ग्रिड और कोल
इंडिया व ओएनजीसी ने 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ उम्दा प्रदर्शन किया है। इंडेक्स के दिग्गजों रिलायंस पावर और आईटीसी ने भी बाजार को सहारा दिया है और उनमें 28 जुलाई के बाद से क्रमश: 29 फीसदी व 27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
|