इंजन प्रोटेक्शन कवर की सुरक्षा | |
बिंदिशा सारंग / 06 13, 2022 | | | | |
आप देश के किसी भी हिस्से में रहते हों कुछ ही दिनों या हफ्तों में मॉनसून आपके पास पहुंचने वाला है। मॉनसून के साथ कई बार तेज बारिश भी होती है, जो आपके वाहन के लिए और भी खतरे भरी हो सकती है। सबसे पहले आपके पास केवल थर्ड पार्टी कवर नहीं बल्कि कॉम्प्रेहेंसिव बीमा होना चाहिए। इसके बाद आपको मॉनसून आने से पहले अपनी गाड़ी की अच्छी तरह जांच करा लेनी चाहिए। साथ ही आपको गाड़ी की पूरी हिफाजत के लिए कुछ ऐड-ऑन कवर भी खरीद लेने चाहिए। एको में वरिष्ठ निदेशक (मोटर अंडरराइटिंग) अनिमेष दास कहते हैं, “बीमा पॉलिसियों में कुछ चीजों को बाहर रखा जाता है। जो कुछ बाहर कर दिया गया है, उसके लिए अगर आपके पास ऐड-ऑन तवर होता है तो आपको किसी भी अप्रिय स्थिति में अपनी जेब से रकम नहीं लगानी पड़ती है।”
इंजन प्रोटेक्शन कवर
कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी में इंजन या गियरबॉक्स को होने वाला नुकसान शामिल नहीं किया जाता। मॉनसून के दौरान अक्सर सड़कों पर पानी भर जाता है। उन पर गाड़ी चलाते समय पानी इंजन में जा सकता है और उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इंजन की मरम्मत कराने जाएंगे तो आपके हाथ में लाखों रुपये का बिल आ सकता है।
पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी नवल गोयल बताते हैं, “इंजन प्रोटेक्शन का ऐड-ऑन कवर लेने से पानी अंदर घुसने से खराब हुए आपकेइंजन की मरम्मत का खर्च आपको बीमा के जरिये मिल जाएगा।”
जिन लोगों ने यह ऐड-ऑन कवर लिया है, उन्हें एक बात अच्छी तरह ध्यान रखनी चाहिए। सेक्योरनाउ इंश्योरेंस ब्रोकर्स के सह-संस्थापक कपिल मेहता कहते हैं, “अगर आपकी कार बंद हो जाती है तो उसे स्टार्ट करने की कोशिश बिल्कुल भी न करें। इसे लापरवाही माना जाएगा। अगर आप ऐसा करते हैं तो बीमा कंपनी आपको भुगतान नहीं करेगी।”
विशेषज्ञों के मुताबिक मॉनसून के दौरान यह कवर तो होना ही चाहिए। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में प्रमुख (मोटर रीन्यूअल्स) अश्विनी दुबे समझाते हैं, “इसमें आम तौर पर इंश्योरेंस डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) के 0.15 फीसदी से 0.20 फीसदी तक प्रीमियम होता है और इस मामूली से प्रीमियम के बदले आप बहुत बड़ी रकम खर्च करने से बच सकते हैं।” आईडीवी वह रकम होती है, जो वाहन के पूरी तरह बरबाद होने या चोरी हो जाने पर बीमा कंपनी से आपको मिलती है।
रोडसाइड असिस्टेंस
यह भी वाहन चलाने वालों के लिए जरूरी कवर है। दुबे कहते हैं, “गाड़ी खराब हो जाए तो कौन मदद के लिए घंटों सड़क पर खड़े रहकर परिजनों या दोस्तों का इंतजार करना चाहेगा। यह ऐड-ऑन कवर पक्का कर देगा कि कम से कम वक्त में आपके पास मदद पहुंच जाए।”
यह कवर महंगा भी नहीं होता। आपको इसके लिए बमुश्किल 100 से 500 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
और कौन से कवर अच्छे
ऊपर बताए कवर तो एकदम जरूरी हैं। उनके अलावा आप अपनी जरूरत के मुताबिक कुछ और कवर भी खरीद सकते हैं। मेहता की सलाह है कि महंगी कार खरीदने वालों को तो रिटर्न टु इन्वॉयस, जीरो डेप्रिसिएशन और प्रमुख रीप्लेसमेंट कवर खरीदने ही चाहिए। वह कहते हैं कि इन कवर के कारण बीमा का प्रीमियम काफी बढ़ जाता है, इसलिए मझोली छोटी कारों के मालिकों के लिए ये बहुत काम के नहीं हैं। रिटर्न टु इन्वॉयस ऐड-ऑन से आपको वाहन पूरी तरह बेकार हो जाने या चोरी हो जाने पर गाड़ी खरीदते समय बिल में लिखी हुई पूरी कीमत मिल जाती है। प्रमुख रीप्लेसमेंट ऐड-ऑन कवर में कार की चाबी चोरी होने, खराब होने या गुम हो जाने पर नई चाबी की कीमत मिल जाती है। महंगी कारों में चाबी बदलना भी काफी महंगा पड़ सकता है।
जीरो डेप्रिसिएशन भी कारगर ऐड-ऑन कवरर होता है। आम तौर पर जब कोई वाहन टूट-फूट जाता है और उसके पुर्जे बदलने होते हैं तो बीमा कंपनी मूल्यह्रास लगाने के बाद उनकी कुछ कीमत देती है। अगर आपके पास जीरो डेप्रिसिएशन कवर होता है तो बीमा कंपनी आपको पूरी कीमत देगी।भारत की सड़कोंपर टायर काफी जल्दी घिस जाते हैं। मॉनसून में टायर फटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं क्योंकि गड्ढों से गुजरते समय वे क्षतिग्रस्त होते हैं। टायर प्रोटेक्टर ऐड-ऑन कवर भी उपलब्ध है। यह आपको दुर्घटना के बगैर टायर और ट्यूब फटने की घटनाओं के समय बीमा सुविधा देता है, जिसमें लेबर कॉस्ट भी शामिल होती है। आउटस्टेशन इमरजेंसी ऐड-ऑन कवर उन लोगों के लिए बहुत काम का होता है, जो अक्सर शहर से बाहर जाते हैं। दास कहते हैं, “दुर्षटना या कार खराब होने जैसी आपात स्थितियों के समय यह आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।” अगर गाड़ी ठीक होने में 12 घंटे से अधिक लगते हैं और आपको होटल में ठहरना पड़ता है तो यह कवर आपको होटल का किराया और आपके ठिकाने तक यात्रा में लगने वाला खर्च भी मुहैया कराता है। ध्यान रहे कि इन ऐड-ऑन कवर के साथ कुछ खास नियम और शर्तें आते हैं। इसलिए कोई भी पॉलिसी खरीदने से पहले उसमें लिखी हुई शर्तें बहुत ध्यान से पढ़ लीजिए।
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