मॉनसून अगले सप्ताह से पकड़ेगा तेज रफ्तार | |
संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली 06 13, 2022 | | | | |
धीमी शुरुआत के बाद दक्षिण पश्चिमी मॉनसून सप्ताहांत में मुंबई पहुंच गया। उम्मीद है कि अगले सप्ताह यह और रफ्तार पकड़ेगा। मौसम के जानकारों ने कहा कि उम्मीद है कि इसकी वजह से बारिश में आई कमी की तेजी से भरपाई हो जाएगी और खरीफ की फसलों की बुआई गति पकड़ेगी।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) में वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘देखिए, हर मॉनसून पहले की तुलना में अलग होता है और अगले सप्ताह व उसके बाद 14-15 जून से बारिश में उल्लेखनीय तेजी हो सकती है। उम्मीद है कि यह पूर्वी भारत के ज्यादातर इलाकों में पहुंच जाएगा। विदर्भ, मध्य प्रदेश, गुजरात इलाके में मॉनसून के पूर्व की गतिविधियों की शुरुआत हो जाएगी। इसकी वजह से धीरे धीरे उत्तर भारत में अगले 48 घंटे में गर्मी का असर कम होगा।’
उन्होंने कहा कि बारिश के गति पकड़ने के साथ समग्र मौसमी कमी की भी अगले कुछ सप्ताह के दौरान काफी हद तक भरपाई हो जाएगी।
11 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक इस साल बारिश सामान्य की तुलना में 43 प्रतिशत कम रही है और यह देश के हर इलाके में दीर्घावधि औसत से कम थी।
बारिश में तेजी और मध्य व उत्तरी इलाकों में मॉनसून बढ़ने से खरीफ की बुआई तेज हो सकती है, जो इस महीने के पहले सप्ताह तक कुछ फसलों के मामले में पीछे चल रही थी, क्योंकि किसान बारिश की पहली फुहार की प्रतीक्षा कर रहे थे।
कुल मिलाकर उम्मीद यह है कि अगर बारिश अच्छी रहती है तो इसकी वजह से कुछ फसलों का रकबा औसत से ज्यादा हो सकता है, क्योंकि पिछले सीजन में कीमतें लुभावनी रही हैं।
स्काईमेट वेदर में वाइस प्रेसीडेंट मेट्रोलॉजी ऐंड क्लाइमेट चेंज महेश पालावत ने कहा, ‘अगले सप्ताह और उसके बाद खासकर उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली इलाकों में मॉनसून के पहले की अच्छी बारिश शुरू हो जाएगी। और अगर यह गति बरकरार रहती है तो अभी तक बारिश में हुई कमी की भरपाई जून के अंत तक हो जाएगी और मॉनसून के हिसाब से यह महीना सामान्य महीना हो सकता है।’ 2022 मॉनसून सत्र का दूसरे स्तर का अनुमान 22 मई को जारी करते हुए आईएमडी ने कहा था कि जून में देश भर में बारिश दीर्घावधि औसत के 92 से 108 प्रतिशत के बीच यानी सामान्य रहने की संभावना है। जून महीने में भारत में भारत में करीब 16.54 सेंटीमीटर बारिश होती है। पालावल ने कहा कि कुल मिलाकर अब ऐसा लगता है कि अगले 4 महीने के दौरान अच्छी बारिश हो सकती है क्योंकि हाल के मौसम की स्थिति के मुताबिक आने वाले सप्ताहों के दौरान ला नीना कमजोर रहने की संभावना है और यह पूरे सीजन के दौरान, कम से कम अगस्त तक सुस्त रह सकता है। इससे भारतीय मॉनसून को मदद मिलेगी।
खरीफ की बुआई के सीजन के पहले सरकार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि जुलाई से शुरू हो रहे 2022-23 फसल सत्र में खरीफ की फसल की कीमतों में 4 से 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दलहन औऱ तिलहन की कीमत में की गई है, जिसमें मूंग, सोयाबीन और सूरजमुखी के बीज शामिल हैं।
आईग्रेन इंडिया के कमोडिटी एनलिस्ट राहुल चौहान ने कहा कि हालांकि अरहर और उड़द के एमएसपी में 4.76 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और इसकी कीमत 300 रुपये क्विंटल बढ़कर 6,600 रुपये क्विंटल हो गई है।
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