ईपीएफओ दे रहा इक्विटी में आवंटन पर जोर | सचिन मामबटा / मुंबई June 11, 2022 | | | | |
सरकार का प्रीमियर रिटायरमेंट फंड कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इक्विटी में आवंटन बढ़ाकर 25 फीसदी करने पर विचार कर रहा है। पहली बार साल 2015 में ईपीएफओ ने इक्विटी में शुद्ध नकदी प्रवाह का 5 फीसदी निवेश किया था, तब से यह बढ़कर 15 फीसदी पर पहुंच गया है।
पिछले कुछ वर्षों में इक्विटी का रिटर्न बॉन्ड बाजार के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हो गया है। पिछले पांच वर्षों में बाजार के अहम सूचकांकों का औसत इक्विटी रिटर्न 18 फीसदी रहा है। मार्च के आखिर में 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड का औसत रिटर्न इस अवधि में सात फीसदी से कम रहा है।ईपीएफओ का ज्यादातर निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में होता है। यह 10 वर्षीय प्रतिफल को अधिकतम रिटर्न बना देता है, जो उसे विभिन्न वर्षों में मिला होता है। ईपीएफओ ने घोषणा की है कि वह वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी रिटर्न देगा, जो कथित तौर पर 40 साल का निचला स्तर है। 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल अभी करीब 7.5 फीसदी है।
ऋण बाजार का प्रतिफल खास तौर से महामारी के बाद कम रहा है। केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने की खातिर ब्याज दर घटाकर उधारी लागत कम कर दी है। इससे निवेशकों के लिए उपलब्ध ईपीएफओ रिटर्न घटा दिया है। इक्विटी रिटर्न अपेक्षाकृत ज्यादा रहा है क्योंकि बाजारों ने वैश्विक प्रोत्साहन के कारण तेजी दर्ज की है। वैश्विक प्रोत्साहन की वजह महामारी के प्रतिकूल प्रभाव को सीमित करना है।
ऋण प्रतिभूतियों के मुकाबले इक्विटी निवेश पर सापेक्ष रूप से ज्यादा रिटर्न मिलता है और वह भी कोविड की तरफ से सृजित हालात के बिना भी। अध्ययन से पता चला है कि इक्विटी रिटर्न की प्रवृत्ति ऊपर रहने की होती है, जिसकी वजह शेयर बाजार में निवेश करने वालों की तरफ से उठाया गया अतिरिक्त जोखिम है।
2003 में येल यूनिवर्सिटी के लेखक रोजर जी ईबोस्टोन व डायमेंशनल फंड एडवाइजर्स के पेंग चेन की तरफ से लॉन्ग रन स्टॉक रिटर्न शीर्षक से जारी अध्ययन के मुताबिक, निवेशक बॉन्ड के मुकाबले इक्विटी निवेश पर 4 से 6 फीसदी रिटर्न प्रीमियम की सामान्य तौर पर उम्मीद कर सकते हैं।
उसमें कहा गया है, लंबी अवधि के निवेशकों मसलन पेंशन फंडों व रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे व्यक्तियों के लिए विशाखित पोर्टफोलियो में शेयर लगातार पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग बना रह सकता है।
हालांकि सभी इक्विटी निवेश समान नहीं होता। ईपीएफओ ईटीएफ में निवेश करता है, जो अहम इक्विटी सूचकांकों के रिटर्न तक पहुंचने की कोशिश करता है। इसमें एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी शामिल है। दोनों ने ऊंचा रिटर्न दिया है। उसने पीएसयू के बास्केट में भी निवेश किया है। निफ्टी सीपीएसई इंडेक्स ने पिछले पांच साल में बॉन्ड बाजार के मुकाबले कम रिटर्न दिया है।
वास्तव में सीपीएसई इंडेक्स रिटर्न पिछले 18 में से 14 सालों में निफ्टी-50 या एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स के मुकाबले कम रहा है।
इसके अलावा ईपीएफओ गैर-सरकारी प्रतिभूतियों में सीमित निवेश करता है।
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