केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को अपनी संभावनाएं और तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने और विश्व में पीएसयू के लिए नया मानक स्थापित करने की जरूरत है। सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति 2021 के मुताबिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों, जहां सरकार न्यूनतम मौजूदगी बनाए रखना चाहती है, उनमें ऊर्जा, दूरसंचार, बिजली, बैंक और खनिज शामिल हैं। गांधीनगर में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव में सीतारमण ने कहा, ‘साफतौर पर मुख्य चिह्नित क्षेत्र, जहां सार्वजनिक उद्यम काम करते रहेंगे, उन्हें अब अवसर और विकास के नए क्षेत्र तलाशने की जरूरत है। साथ ही राह निकालने की जरूरत है, जिससे कि वेब 3.0 के बाद औद्योगिक क्रांति 4.0 लाभ मिल सके, जो आंकड़ों से संचालित है।’ सीतारमण ने कहा कि पीएसयू को नई तकनीक का अधिकतम लाभ लेने की जरूरत है, जिससे अगले 25 साल में उनकी कुशलता बढ़ सके, वे वैश्विक हो सकें और दुनिया में कहीं भी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम का नया मानदंड स्थापित कर सकें। सीतारमण ने सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को विस्तार, विलय में संभावनाएं तलाशने में लगाएं और जहां भी संभव हो, निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी सुनिश्चित करें। सीतारमण ने कहा, ‘यह वक्त है कि पीएसई दिखाएं कि वे अपने पेशेवर अंदाज में सुधार करने को बहुत ज्यादा इच्छुक हैं, जितना कि 1991 से अब तक किया गया है। और जहां भी संभव हो, संख्या में कमी लाएं और अपने काम के साथ ही निजी हिस्सेदारी सुनिश्चित करें। कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां निजी क्षेत्र की कुशलता का लाभ उठाया जा सकता है।’ सीतारमण ने कहा कि महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान राष्ट्र हित के आधार पर की गई है। सरकार उन क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी जारी रखेगी। बहरहाल इन क्षेत्रों में भी निजी क्षेत्र के काम करने के दरवाजे खुले रहेंगे।
