कोविड-19 महामारी में पिछले दो सालों के दौरान व्हाट्सऐप चैटबॉट के व्यापक इस्तेमाल को देखते हुए व्हाइट्सऐप इंडिया और केंद्र ने अब इसके बॉट के फीचर का विस्तार करने की योजना बनाई है ताकि इसमें कैंसर के इलाज से जुड़े ऑनलाइन डॉक्टरी परामर्श और मरीजों के पिछले इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को इसमें शामिल किया जा सके। इस तरह के सॉल्यूशंस में एक स्वचालित समाधान, एक्स-रे सेतु शामिल है जिसमें व्हाट्सऐप द्वारा भेजी गई कम रिजॉल्यूशन वाली फोटो से भी छाती के एक्स-रे के बारे में बताया जा सकेगा। व्हाट्सऐप इंडिया के प्रमुख अभिजित बोस ने बताया, 'कोविड-19 एक बेहद मुश्किल दौर था लेकिन इसने यह भी सबक दिया कि लोग कितनी जल्दी समाधान हासिल कर सकते हैं।' बोस ने कहा कि व्हाट्सऐप देश की विभिन्न नागरिक संस्थाओं, सरकारों और नगर प्रशासन के साथ काम कर रही है ताकि यह समझा जा व्हाट्सऐप बिजनेस प्लेटफॉर्म किन तरीके से सरकारों की मदद कर सकता है ताकि नागरिकों के साथ जल्द संवाद स्थापित किया जाए और सेवाएं सुरक्षित तरीके से दी जाएं। इसने पिछले दो सालों में ‘माइगव’ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ काम किया है ताकि व्हाट्सऐप पर व्हाट्सऐप हेल्पडेस्क बनाया जा सके। व्हाट्सऐप बिजनेस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अप्वाइंटमेंट की बुकिंग करने, टीकाकरण और जांच केंद्रों की पहचान करने, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का हल करने, कोविड 19 और सामान्य बीमारियों के लिए डॉक्टरों से पूछताछ करने के लिए किया गया। माईगव के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा, 'माईगव कोरोना हेल्पडेस्क चैटबॉट की कल्पना की गई और इसे मार्च 2020 में लॉन्च किया गया और इसका मकसद कोविड-19 से जुड़े संचार के लिए व्हाट्सऐप इंटरफेस का इस्तेमाल करना था ताकि नागरिकों को कोविड से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाए और उनके सवालों के जवाब मिल जाए। यह चैटबॉट 13 मार्च, 2020 को योजना बनाए जाने के महज पांच दिन में लॉन्च कर दिया गया और 19 मार्च, 2020 को यह लाइव हो गया।' उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर ही चैटबॉट के 1 करोड़ उपयोगकर्ता थे। वक्त गुजरने के साथ ही इसमें अधिक फीचर जोड़े गए और अब हमारे पास 8.5 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। सिंह ने कहा, 'अब तक 8.5 करोड़ लोगों ने बॉट के साथ संवाद किया है। वहीं 3.4 करोड़ से अधिक लोगों ने टीकाकरण के प्रमाणपत्र डाउनलोड किए हैं। वहीं 30 लाख से अधिक लोगों ने चैटबॉट से टीकाकरण के लिए स्लॉट की बुकिंग की है और 10 लाख से अधिक ने डिजिलॉकर सेवाओं का इस्तेमाल किया है।Ó सिंह का कहना है कि जनवरी 2021 में कोविड 19 टीकाकरण की बुकिंग और प्रमाणपत्र डाउनलोड करने के फीचर की शुरुआत हुई। इस जनवरी में डिजिलॉकर सेवाओं को बॉट में अनलॉक कर दिया गया और कई सार्वजनिक दस्तावेज के बाद इसकी शुरुआत हुई। सिंह ने कहा, 'इस इंटरफेस ने पंजीकृत मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ताओं को सूचना दी और इस पर तुरंत ही ओटीपी साझा किया। टीकाकरण का प्रमाणपत्र महज 30 सेकंड में मिल गया। चैटबॉट में बातचीत करने के लिए भी एक इंटरफेस है क्योंकि इंस्टैंट मेसेजिंग मंच का इस्तेमाल 50 करोड़ से अधिक भारतीय करते हैं और इन दस्तावेजों तक अपनी पहुंच बनाना आसान है। हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ यह चैटबॉट 14 राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध था।' शुरुआत में इसे टीकाकरण की बुकिंग के अप्वाइंटमेंट और टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड करने के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन उस वक्त से यह विभिन्न तरह के आधिकारिक दस्तावेजों तक अपनी पहुंच बनाने के वन स्टॉप शॉप में तब्दील हो गया है। इसका अर्थ यह भी है कि नागरिक अपने ड्राइवर लाइसेंस, आयकर रिटर्न, बीमा प्रमाणपत्र और 10वीं और 12वीं कक्षाओं के अंकपत्र भी डाउनलोड कर सकेंगे। सिंह का कहना है, 'हमने बॉट पर कोविड संबंधित मामले अधिक जोड़े जिनमें टीके की बुकिंग से लेकर टीकाकरण प्रमाणपत्र का डाउनलोड भी शामिल था।'
