पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं और आज देश भर में संक्रमण के 7,240 नए मामले आए, जो पिछले तीन महीनों में सबसे बड़ी एक दिनी संख्या है। फिर भी कोविड-19 जांच की रफ्तार धीमी है। कुछेक राज्यों को छोड़ दें तो संक्रमण बढ़ने के बावजूद देश भर में कोविड जांच में तेजी नहीं आई है। कोविड मामलों पर नजर रखने वाली स्वतंत्र संस्था कोविड19भारत डॉट ओआरजी से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर 7 दिन में औसत जांच 15.4 फीसदी घटकर 7 जून को 3,75,145 नमूनों पर सिमट गई, जबकि 15 मई को 4,43,471 नमूनों की जांच की गई थी। कोविड के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमितों के मामले बढ़ने से साल की शुरुआत में रोजाना 17 लाख नमूने जांचे जा रहे थे। इस समय के जांच नमूनों से यह चार गुना आंकड़ा था। हालांकि जिन राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है वहां जांच में भी थोड़ी तेजी आई है मगर राष्ट्रीय स्तर पर जांच में कमी आई है। मई के मध्य में कोविड-19 की सबसे अधिक जांच महाराष्ट्र और केरल में की गई। हालांकि रैपिड एंटीजन किट की मांग बढ़ी है। इसके जरिये लोग घर पर ही कोविड-19 की जांच कर लेते हैं। जांच किट की मांग बढ़ने के कारण देश में रैपिड एंटीजन किट की सबसे बड़ी उत्पादक पुणे की माईलैब प्रतिदिन 15 लाख जांच किट बना रही है। माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के हसमुख रावल ने कहा, ‘बीते एक महीने में कोविसेल्फ किट की मांग 30 से 40 फीसदी बढ़ी है। मई के मध्य में उत्तर भारत में ज्यादा मांग थी लेकिन अब दक्षिण और पश्चिम भारत में ज्यादा मांग देखी जा रही है। हम हर दिन 15 लाख जांच किट बना रहे हैं।’ घर पर होने वाली ज्यादातर जांच सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं की जाती। ये सभी किट मोबाइल ऐप्लिकेशन से जुड़े होते हैं, जो भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सुरक्षित बैंकएंड सर्वर से जुड़े हैं, जहां पॉजिटिव जांच के आंकड़े संग्रहीत किए जाते हैं। कई लोग जांच के दौरान मोबाइल ऐप्लिकेशन का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे राष्ट्रीय टेस्टिंग डेटाबेस में इनके आंकड़े उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। मुंबई के स्थानीय निकाय के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि कोविड-19 के वास्तविक संक्रमितों की संख्या प्रयोगशाला की जांच में दर्ज संख्या से कहीं ज्यादा हो सकती है। निजी नैदानिक प्रायोगशालाओं का कहना है कि हाल में कोविड-19 जांच की मांग में थोड़ी तेजी आई है लेकिन ज्यादा नहीं है। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रबंध निदेशक अमीरा शाह ने कहा, ‘जांच की मांग उच्चतम स्तर पर नहीं पहुंची है और महामारी की दूसरी या तीसरी लहर जितनी जांच नहीं हो रही है। घरों पर जांच का विकल्प होने की वजह से भी जांच में तेजी नहीं दिख रही है। साथ ही कई लोग कोविड-19 जांच कराना भी नहीं चाहते हैं। मुंबई जैसे शहरों में संक्रमण में खासी तेजी देखी जा रही है। लेकिन अधिकतर जांच रैपिड एंटीजन किट के जरिये की जा रही है।’ एसआरएल ने भी कहा कि केरल, मुंबई और पंजाब के कुछ हिस्सों में जांच की रफ्तार थोड़ी बढ़ी है। एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के मुख्य कार्याधिकारी आनंद के ने कहा, ‘आरटी-पीसीआर जांच की मांग 20 फीसदी बढ़ी है लेकिन यह गिने-चुने हिस्सों में है। फिलहाल हम जांच के लिए सरकार की ओर से नमूना संग्रह नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला की जांच में पॉजिटिविटी दर करीब 7 से 8 फीसदी है क्योंकि ज्यादातर वे लोग ही जांच कराने आ रहे हैं, जिनमें इसके लक्षण दिख रहे हैं। देश में कोविड के 7,240 नए मामले आएदेश में 99 दिनों बाद एक दिन में कोरोनावायरस के 7,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए जो दैनिक मामलों में करीब 39 फीसदी की वृद्धि है जबकि दैनिक संक्रमण दर 111 दिनों बाद 2 फीसदी के पार दर्ज की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में संक्रमण के 7,240 मामले दर्ज किए गए, जिससे महामारी के मामलों की कुल संख्या 4,31,97,522 हो गई है। बढ़ते मामले देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को सतर्कता बढ़ाने और जरूरत पड़ने पर संक्रमण का प्रसार रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
