पत्रिकाओं के पाठकों, बीमा ग्राहकों को नियमित आधार पर प्रीमियम चुकाने के लिए बड़ी राहत प्रदान करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान संबंधित ई-मैंडेट के लिए सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दी है। ई-मैंडेट 5,000 रुपये पर सीमित किए जाने पर ग्राहकों द्वारा सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया गया था। उनकी शिकायत थी कि उन्हें इस तरह की सेवाएं हासिल करने के लिए बार बार भुगतान शुरू करने पड़ते हैं। इस कदम की घोषणा करते हुए नियामक ने कहा कि इस ढांचे के तहत 6.25 करोड़ मैंडेट बड़ी तादाद में घरेलू और 3,400 अंतरराष्ट्रीय व्यवसायियों के पक्ष में पंजीकृत किए गए। आरबीआई के डिप्प्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने कहा, ‘1 अक्टूबर (जब हमने नया ढांचा पेश किया) से अब तक करीब 5.9 करोड़ मैंडेट दर्ज किए गए हैं। कुल मैंडेट करीब 6.5 करोड़ हैं, जिसका मुख्य तौर पर मतलब है कि करीब 0.6 करोड़ मैंडेट इससे पहले ही मौजूद थे।
