राशन की दुकानों से फल-सब्जी बेचने की मिलेगी अनुमति | सुशील मिश्र / मुंबई June 08, 2022 | | | | |
सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले लोगों की आय बढ़ाने के लिए पिछले कुछ सालों से केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से विभिन्न उत्पादों को इन दुकानों से बेचने की अनुमति दी गई। इसी योजना के तहत राशन की दुकानों से पर अब फल और सब्जियां भी उपलब्ध होंगी। इस पहल से एक तरफ दुकानोंदारों की आय बढ़ेगी तो दूसरी तरफ किसानों एक नया बाजार भी उपलब्ध होगा।
सरकारी राशन के दुकानदार अपनी आय बढ़ाने की गुहार सरकार से लगाते रहे हैं। राज्य सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने हाल ही में इस संबंध में एक फैसले की घोषणा की है। राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मुताबिक सरकारी राशन व उचित मूल्य के दुकानदारों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न सरकारी निर्णयों के माध्यम से विभिन्न उत्पादों और सामानों को उचित मूल्य की दुकानों में बेचने की अनुमति दी गई है। यह उचित मूल्य के दुकानदारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उनके दिन-प्रतिदिन के कार्यों में स्थिरता लाने में सक्षम बनाएगा।
इससे पहले राज्य सरकार ने राशन की दुकानों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के सामान, उत्पाद और कृषि वस्तुओं को बेचने की अनुमति दी थी। इस संदर्भ में अब पंजीकृत किसान उत्पादक संगठन (पीआरओ) को प्रायोगिक आधार पर सदस्य किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों और फलों को राशन वितरण और उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बेचने की अनुमति दी गई है। अब राशन केंद्र से सब्जी और फल लाने का रास्ता जल्द खोल दिया गया है।
राशन की दुकानों के माध्यम से किसानों के उत्पाद बेचने की अनुमति देकर सरकार किसानों को नया बाजार और दुकानदारों की आय बढ़ाने चाहती है। शाश्वत कृषि विकास इंडिया शेतकरी उत्पादक कंपनी और फार्म फिस्ट फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से पुणे जिले में की दुकानों , शेतकाड निर्माता कंपनी के माध्यम से नासिक जिले में फल और सब्जियों की आपूर्ति की जाएगी। फिलहाल प्रयोगिक तौर पर इसे छह महीने के लिए लागू किया जाएगा। सफल होने के बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा ।
सरकार आम आदमी को राशन कार्ड के जरिए सरकारी राशन दुकानों से सस्ते दर पर अनाज वितरित करती है। इसके एवज में दुकानदार को सरकार कमिशन देती है। कुछ साल पहले दुकानदारों के कमशीन बढ़ाने पर सरकार ने उनकी आय बढ़ाने के लिए दूसरे अन्य खाद्य पदार्थ बेचने की अनुमति दे दी है। इससे पहले सरकारी राशन की दुकानों पर सिर्फ सरकार द्वारा आम जनता को दिए जाने वाला अनाज, तेल, शक्कर और घासलेट ही बेचा जा सकता था।
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