वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों और राज्य के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के वित्तपोषण के वास्ते नई लेखा पद्धतियां अपनाकर वित्त वर्ष 2022 में ब्याज पर होने वाले खर्च में 10,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। सोमनाथन ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इन नई लेखा पद्धतियों के कारण पता चला कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं से राज्य की एजेंसियों के पास 31 मार्च, 2022 को 1.2 लाख करोड़ रुपये की राशि बची हुई थी। इसका मतलब है कि केंद्र को कम उधार लेना होगा और इसे खजाने के लिए अल्पावधि में बचत माना जा सकता है। लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली में जो दो नई लेखा पद्धतियां अपनाई गई हैं, उनमें केंद्र सरकार की एजेंसियों और स्वायत्त निकायों के लिए ट्रेजरी एकल खाता (टीएसए) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों को मिली राशि के वितरण के लिए एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) है। सोमनाथन ने कहा, ‘हमने टीएसए और एसएनए की वजह से वित्त वर्ष 2022 में ब्याज भुगतान में 10,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। एसएनए मद में होने वाले खर्च में से हमारे पास 1.2 लाख करोड़ रुपये बाकी हैं। यह रकम खर्च होने तक हमें और राशि जारी करने या उधार लेने की जरूरत नहीं है।’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एसएनए डैशबोर्ड के उद्घाटन के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त सचिव ने कहा कि इन उपायों से केंद्र को वित्त वर्ष 2023 में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2023 में उर्वरक सब्सिडी पर खर्च बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये रह सकता है जबकि बजट में 1.05 लाख करोड़ ही रुपये रहने का अनुमान था। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में हालिया कटौती से इस साल राजस्व में 85,000 करोड़ रुपये की चपत लगेगी। इसी तरह कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क में कटौती से राजस्व में10,000 से 15,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ लाभार्थियों को साल में 12 सिलिंडर तक प्रति सिलिंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने के निर्णय से खजाने पर 6,100 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा।आज सभी जिलों में बैंकों के ऋण मेले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बुधवार को देश भर में बड़े पैमाने पर ऋण मेले का आयोजन करेंगे और कर्ज सुविधाओं और सरकारी योजनाओं के बारे में जनता के सवालों के जवाब देंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देश के सभी जिलों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत ऋण सुविधा और नामांकन के बारे में ग्राहकों और जनता के सवालों का जवाब देने को तैयार हैं। इन जिला स्तरीय कार्यक्रमों का समन्वय सार्वजनिक बैंकों और राज्य स्तरीय बैंकर समितियों (एसएलबीसी) द्वारा किया जा रहा है। आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत होगा।
