खरीफ की शुरुआती बुआई में बेहतर संकेतखरीफ की शुरुआती बुआई में बेहतर संकेत | संजीव मुखर्जी और एजेंसियां / नई दिल्ली June 04, 2022 | | | | |
खरीफ की फसलों की शुरुआती बुआई ने बेहतर संकेत दिए हैं। दलहन का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ा है, जबकि तिलहन पिछले साल जितना ही बोया गया है।
शुरुआती बुआई में धान के रकबे में तेज बढ़ोतरी नजर आ रही है। मोटे अनाज की कीमतों में तेजी को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि किसान ज्यादा रकबे में धान की रोपाई करेंगे।
बुआई में वास्तविक तेजी मध्य व पश्चिम भारत में मॉनसून सक्रिय होने के बाद ही आएगी।
आंकड़ों से पता चलता है कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक 3 जून तक खरीफ की फसल की बुआई करीब 69.1 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 70 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। हर साल औसतन 1,085.1 लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ की फसल की बुआई होती है। बुआई का काम अगस्त के मध्य तक चलता है और किसान इस दौरान धान, मोटे अनाज, दलहन, तिलहन की बुआई अधिकतम रकबे में करते हैं।
बहरहाल समाचार एजेंसी रॉयटर्स में आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कपास का पौधरोपण 2022 में 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर होगा। भारत विश्व का सबसे बड़ा फाइबर उत्पादक है। कीमतों में तेजी की वजह से किसान अन्य फसलों को छोड़कर कपास की तरफ आकर्षित हुए हैं। भारतीय कपास संघ के अध्यक्ष अतुल गनात्रा के हवाले से समाचार एजेंसी ने कहा कि ज्यादा उत्पादन से कपास के वैश्विक और घरेलू दाम में कमी आ सकती है, जो एशिया के परिधान विनिर्माताओं को प्रभावित कर रहा है।
एक अन्य रिपोर्ट में न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने खबर दी है कि धान की खेती करने वाले भारत के किसान बेहतर मॉनसून का लाभ लेने में जुट गए हैं, जिससे सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के लिए की जाने वाली धान की खरीद का लाभ उठाया जा सके। भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है।
देश का अनाज का कटोरा कहे जाने वाले पंजाब के एक किसान चरणजीत सिंह गिल ने कहा कि वह धान की रोपाई जारी रखेंगे, क्योंकि बारिश के सीजन में यह बेहतर विकल्प है। एशिया के ज्यादातर खेतों में धान की खेती के लिए बड़ी मात्रा में पानी की जरूरत होती है।
हरियाणा के 58 साल के एक किसान अनिल कल्याण ने कहा कि उन्होंने धान के पौध तैयार किए हैं और वह अपने 40 एकड़ खेत में इस साल धान की रोपाई कराएंगे। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक कृषि मंत्रालय ने कहा है कि भारत के किसानों ने पिछले साल 411.5 लाख हेक्टेयर खेत में धान की रोपाई की थी, जो इसके पहले के साल के 400.1 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है। इस साल धान का रकबा और उत्पादन स्थिर या पिछले साल से कुछ अधिक रहने की संभावना है। संभवतः आने वाले वर्षों में ऐसा न हो। यह कीमत और पानी की उपलब्धता पर निर्भर होगा।
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