निफ्टी मेटल इंडेक्स मई में 16 फीसदी टूटा और इस तरह से उसने मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी मासिक गिरावट दर्ज की, जब उसमें करीब 30 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी क्योंकि कोविड-19 महामारी फैलने के बाद मांग में जोरदार गिरावट देखने को मिली थी। इस महीने की गिरावट स्टील पर सरकार की तरफ से निर्यात शुल्क लगाए जाने के फैसले के बाद हुई है ताकि देसी कीमतों में नरमी आए। पिछले हफ्ते लिए गए इस फैसले के कारण धातु कंपनियों के शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिली और विश्लेषक इन कंपनियों की आय की रफ्तार और लक्षित कीमत में कटौती करने की ओर बढ़ चले। इस साल 11 अप्रैल के 6,775 अंकों के सर्वोच्च स्तर से निफ्टी मेटल इंडेक्स 21 फीसदी नीचे है। वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतें अप्रैल मध्य से नरम हुई हैं। इसके साथ निर्यात शुल्क लगाया जाना देसी स्टील निर्माताओं के लिए दोहरा संकट बन गया, जो अपने उत्पादन का 10 फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक निर्यात करते हैं। मजबूत वैश्विक मांग (जो चीन में सुधार पर निर्भर है) से स्टील निर्माताओं को यह शुल्क उपभोक्ता पर डालने में मदद मिलेगी। इस बीच, स्टील कंपनियों को उम्मीद है कि निर्यात शुल्क अस्थायी कदम है, जैसा कि साल 2008 में देखने को मिला था और तब उसे कुछ निश्चित स्टील उत्पादों के मामले में एक महीने के भीतर हटा लिया गया था।
