बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 2022 में शेयर बाजारों से अपने निवेश पर 42,000 करोड़ रुपये की मुनाफावसूली की, जो वित्त वर्ष 2021 में 36,000 करोड़ रुपये के मुकाबले 16.6 फीसदी ज्चादा है। एलआईसी देश की सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधक है और उसके पास 42 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हैं। एलआईसी अपनी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का करीब 25 फीसदी इक्विटी बाजारों में निवेश करती है। यह जानकारी एलआईसी के प्रबंध निदेशक राज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। कॉन्फ्रेंस का आयोजन सूचीबद्धता के बाद पेश पहली तिमाही नतीजे के एक दिन बाद हुआ। कुमार ने कहा, कुल 42 लाख करोड़ रुपये के एयूएम का 25 फीसदी इक्विटी बाजार में निवेशित है। हम मुनाफावसूली करते हैं लेकिन हम किसी एक साल में मुनाफावसूली नहीं कर सकते, चाहे इक्विटी बाजारों में एमटीएम फायदा कितना भी हो। हमें एक अवधि में मुनाफावसूली करनी होती है, क्योंकि हमें पॉलिसीधारकों को बोनस के तौर पर लाभ देना होता है। बाजार से होने वाला फायदा करीब 5 लाख करोड़ रुपये का है, लेकिन हम किसी एक साल में पूरी मुनाफावसूली नहीं करेंगे। एलआईसी का निवेश पर प्रतिफल वित्त वर्ष 22 में घटकर 8.55 फीसदी रतह गया, जो वित्त वर्ष 21 में 8.69 फीसदी रहा था। कुमार ने कहा, पॉलिसीधारकों की रकम का निवेश करते समय किसी बीमा कंपनी की मुख्य चिंता रिटर्न के बजाय निवेशित रकम की सुरक्षा की होती है। सुस्त बाजार में 8.55 फीसदी रिटर्न काफी अच्छा है। हम कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं, जहां हमें थोड़ा ज्यादा प्रतिफल मिलता है। इसके साथ ही हम शेयर बाजारों में निवेश में भी काफी आक्रामक रहते हैं। बीमा दिग्गज अब एन्युटीज, गारंटीड योजनाओं, यूनिट लिंक्ड योजना और टर्म प्लान में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है (जो नॉन-पार प्रॉडक्ट कहलाते हैं), जो उसके नए बिजनेस मार्जिन में इजाफा करेगा। यह ऐसा मानदंड है, जिस पर सूचीबद्धफर्मों के मामले में जानकारों की नजर होती है। अभी एलआईसी के प्रॉडक्ट मिक्स में ऐसे प्रॉडक्ट की हिस्सेदारी कुल बिक्री का महज 7 फीसदी है और प्रीमियम के लिहाज से महज 29 फीसदी। कुमार ने कहा, मार्जिन में बढ़ोतरी प्रॉडक्ट मिक्स से होती है। अभी हमारे प्रॉडक्ट मिक्स में ऐसी योजनाओं का वर्चस्व नहीं है। कुमार ने कहा, अभी हमारे पास 18 नॉन-पार प्रॉडक्ट हैं। ऐसे में भविष्य में प्रॉडक्ट मिक्स में नॉन-पार को ज्यादा जगह दी जाएगीऔर इस तरह से नए बिजनेस की ज्यादा वैल्यू सृजित की जाएगी। अगले पांच साल में हमारा वीएनबी मार्जिन उद्योग के औसत जितना या उससे बेहतर होगा। एलआईसी ने वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही के नतीजे इस हफ्ते घोषित किए हैं। चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्धलाभ 2,371.55 करोड़ रुपये रहा। लेकिन पूरे साल का शुद्धलाभ 39 फीसदी बढ़कर 4,043 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 21 में 2,900.56 करोड़ रुपये रहा था।
