बीमा क्षेत्र की दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का एकल शुद्घ मुनाफा वित्त वर्ष 2022 की जनवरी-अप्रैल तिमाही में 18 फीसदी घटकर 2,371.55 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,893.48 करोड़ रुपये था। हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2022 में एलआईसी का शुद्घ मुनाफा 39.4 फीसदी बढ़कर 4,043.12 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,900.56 करोड़ रुपये था। इस महीने की शुरुआत में शेयर बाजार में सूचीबद्घ होने के बाद यह एलआईसी का पहला वित्तीय नतीजा है। बीमा कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2022 की समाप्ति पर 10 रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 1.50 रुपये का लाभांश देने की सिफारिश की है। लाभांश पर निर्णय शेयरधारकों की सालाना आम बैठक में किया जाएगा। संचयी आधार पर एलआईसी का शुद्घ मुनाफा वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 17 फीसदी कम रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,917 करोड़ रुपये था। एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन से पहले एलआईसी के पास अधिशेष वितरण के लिए एक ही 'जीवन कोष' था। लेकिन अब उसके पास दो फंड हैं - भागीदार पॉलिसीधारक फंड और गैर-भागीदार पॉलिसीधारक फंड। भागीदार पॉलिसीधारक फंड में अधिशेष वितरण चरणबद्घ तरीके से 90:10 के अनुपात में किया जाएगा, जिसमें 90 फीसदी पॉलिसीधारकों के पास जाएगा और 10 फीसदी शेयरधारकों को मिलेगा। इसके साथ ही गैर-भागीदार कारोबार की 100 फीसदी अधिशेष राशि सभी शेयरधारकों के बीच वितरित की जाएगी। एलआईसी के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि इस बदलाव से एलआईसी को अपना मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी। एमआर कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को इसी महीने दिए साक्षात्कार में कहा था, 'अगर आप दो साल पहले अधिशेष वितरण या करीब 53,000 करोड़ रुपये का कुल अधिशेष देखें तो इनमें से 5 फीसदी सरकार को जाता था और शेष पॉलिसीधारकों को मिलता था। लेकिन अब यह अनुपात 90 फीसदी और 10 फीसदी हो जाएगा। दूसरी ओर अगर हम ज्यादा गैर-भागीदारी वाले उत्पादों की बिक्री करते हैं तो यह अनुपात 100 और शून्य फीसदी होगा। ऐसे में 53,000 करोड़ रुपये में 20 फीसदी गैर-भागीदारी वाले कारोबार से आता है, जो पूरा मुनाफा होगा। अभी हमारे पास इस तरह के उत्पादों की हिस्सेदारी कम है लेकिन इसे बढ़ाने से मुनाफे में भी इजाफा होगा।' वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में एलआईसी की शुद्घ प्रीमियम आय 1.43 लाख करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त वर्ष 2022 में शुद्घ प्रीमियम आय 4.27 लाख करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2021 के 4.02 लाख करोड़ रुपये से 6.21 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में एलआईसी की निवेश से आय लगभग 67,498.15 करोड़ रुपये यानी स्थिर रही और पूरे वित्त वर्ष में यह 2.92 लाख करोड़ रुपये रही।एलआईसी के ऋण पोर्टफोलियो में सकल गैर-निष्पादित आस्तियों का अनुपात 29 आधार अंक घटकर 6.03 फीसदी रहा और शुद्घ एनपीए 0.04 फीसदी रहा। एलआईसी का सॉल्वेंसी अनुपात 1.05 फीसदी रहा जबकि नियामक के मुताबिक इसे 1.50 फीसदी होना चाहिए।इस महीने की शुरुआत में स्टॉक एक्सचेंज पर एलआईसी के शेयर का आगाज अच्छा नहीं रहा। बीएसई पर इसका शेयर 875.46 रुपये पर सूचीबद्घ हुआ जबकि निर्गम मूल्य 949 रुपये प्रति शेयर था।
