'इस साल सावधि योजनाओं की बढ़ेगी हिस्सेदारी' | |
सुब्रत पांडा / 05 30, 2022 | | | | |
बीएस बातचीत
कोविड की वजह से खराब हुए दो साल बाद जीवन बीमा फर्में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के अच्छे साल की उम्मीद कर रही हैं। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी तरुण चुघ ने सुब्रत पांडा के साथ वित्त वर्ष 22 में कंपनी के प्रदर्शन, आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं को कम करने तथा उत्पादों की मांग पर सावधि कीमत वृद्धि के असर के संबंध में बात की। संपादित अंश ...
कंपनी के लिए वित्त वर्ष 22 कैसा रहा और आप मौजूदा साल को किस तरह देखते हैं?
पिछला साल जीवन बीमा क्षेत्र के लिए काफी अच्छा रहा और खास तौर पर हमारे मामले में यह शानदार साल रहा। पिछले साल की तुलना में हमने 49 प्रतिशत की वृद्धि की। शीर्ष कंपनियों में हम सबसे ऊपर रहे। वर्तमान में वृद्धि का यह रुख थमा नहीं है, बल्कि यह आगे बढ़ सकता है, लेकिन एक क्षेत्र के रूप में जीवन बीमा क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक होगा। पिछले साल के आधार प्रभाव के कारण पहले छह महीने अच्छे रहने चाहिए और इसके बाद वृद्धि में कुछ नरमी आएगी। काफी कुछ शेयर बाजार पर निर्भर करेगा। आज शेयर बाजार का असर जीवन बीमा उद्योग पर नहीं दिखा है।
जीवन बीमा क्षेत्र के लिए किस उत्पाद खंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है?
पिछले साल यूलिप (यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) में मंदी देखी गई थी, इसलिए आधार प्रभाव के कारण उन्होंने कुछ वृद्धि दिखाई है। इस क्षेत्र के लिए गारंटीशुदा उत्पादों ने काम किया है। हम अच्छे कर-मुक्त दीर्घकालिक गारंटीशुदा प्रतिफल की पेशकश करने में सक्षम रहे हैं और कोविड के दौरान, अन्य चीजों के संबंध में जोखिम पहले से ही अधिक होने की वजह से, लोग अनुचित जोखिम नहीं लेना चाहते थे।
परिस्थितियों के मद्देनजर आगे चलकर आपका उत्पाद मिश्रण किस तरह बदलेगा?
हमारा उत्पाद मिश्रण दो साल से काफी अलग है। इसलिए हमने गारंटीशुदा पेंशन की शुरुआत की, जो अब पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत है। गारंटीशुदा उत्पाद पहले के 20 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो चुके हैं। यूलिप, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक का रुख था, अब घटकर 40 प्रतिशत रह गए हैं। शेष हैं सावधि उत्पाद और समान उत्पाद। मुझे लगता है कि आगे चलकर इस साल सावधि बीमा की हिस्सेदारी बढ़ेगी, क्योंकि पुनर्बीमा के संबंध में ज्यादा स्पष्टता है।
क्या आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को कम किया गया है?
जहां तक बचत योजनाओं का संबंध है, तो पिछले साल आमने-सामने की मुलाकात करना दिक्कत की बात थी। लेकिन अब इसे सुलझा लिया गया है। सावधि योजनाओं वाले ग्राहकों को शामिल करने की प्रक्रिया एक बड़ी समस्या थी, क्योंकि कोविड और पुनर्बी माकर्ताओं के कारण लगातार बदलाव हो रहे थे। हम उसमें स्थिरता देख रहे हैं, इसलिए इसका सकारात्मक असर होना चाहिए।
क्या सावधि कीमतों में वृद्धि ने मांग को प्रभावित किया है?
नही, नहीं किया है। भारत की सावधि कीमतें दुनिया की सबसे कम कीमतों में से एक हैं। इसलिए यहां-वहां हल्की-सी वृद्धि ठीक ही है, खास तौर पर कोविड के बाद।
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