कमजोर है डायग्नोस्टिक फर्मों का अल्पावधि का परिदृश्य | राम प्रसाद साहू / मुंबई May 30, 2022 | | | | |
डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र सूचीबद्ध बड़ी फर्मों के मार्च तिमाही के नतीजे अच्छी तस्वीर पेश नहीं करते। प्रतिस्पर्धा का दबाव, खुद के दम पर आगे बढऩे की कमजोर रफ्तार, एकीकरण की चुनौतियां और उच्च लागत ने इस क्षेत्र की कंपनियों का परिचालन के स्तर पर प्रदर्शन प्रभावित किया है। इसे देखते हुए ब्रोकरेज फर्मों ने तीन बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों मसलन डॉ. लाल पैथलैब्स, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर और थायरोकेयर टेक्नोलॉजिज के आय अनुमानों में 15 से 20 फीसदी की कटौती की है।
अगर चौथी तिमाही के नतीजे को संकेतक मानें तो इस क्षेत्र के लिए अल्पावधि में बढ़त को लेकर चुनौतियां सामने आने वाली हैं। देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध फर्म डॉ. लाल पैथलैब्स के राजस्व में क्रमिक आधार पर गिरावट आई है, जिसमें कोविड कारोबार शामिल नहीं है। आधारभूत कारोबार (लाइक-फॉर-लाइक) एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 4.4 फीसदी बढ़ा जबकि दो साल की औसत सालाना बढ़त 14 फीसदी के दायरे में रही है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के राहुल जीवानी और पुनीत पुजारा ने कंपनी की वित्त वर्ष 23/वित्त वर्ष 24 की प्रति शेयर आय को 15 फीसदी डाउनग्रेड कर दिया है क्योंकि गैर-कोविड राजस्व की रफ्तार 9 फीसदी (तीन साल की औसत बढ़ोतरी) कोविर्ड पूर्व की बढ़त दर 14-15 फीसदी से नीचे रही है। डाउनग्रेड की अन्य प्रमुख वजह अल्पावधि में मार्जिन पर पडऩे वाला दबाव है, जिसकी वजह कोविड कारोबार का सामान्य होना, बाजार में काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा और कम मार्जिन वाले सबअर्बन पोर्टफोलियोका एकीकरण है। राजस्व व आय मेंं डाउनग्रेडिंग शुद्ध आधार पर सबअर्बन राजस्व के कारण और उच्च ह्रास आदि के कारण भी हुई है।
डॉ. लाल ने सिकोया समर्थित सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स का अधिग्रहण पिछले साल अक्टूबर में 925 से 1,150 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर किया था। मौजूदा कीमत पर डॉ. लाल वित्त वर्ष 23 की आय अनुमान के करीब 60 गुने पर कारोबार कर रही है।
मेट्रोपोलिस के लिए भी यह तिमाही अच्छी नहीं रही। कंपनी ने उच्च लागत व प्रतिकूल प्रॉडक्ट मिक्स के कारण कमजोर प्रदर्शन किया। कुल राजस्व (5 फीसदी बढ़त) स्थिर रही, जिसकी वजह कोविड राजस्व में कमी रही, वहीं मुख्य कारोबार (गैर-कोविड) पर जनवरी में ओमिक्रोन के अवरोध का असर पड़ा। गैर-कोविड राजस्व 6.9 फीसदी बढ़ा जबकि डॉ. लाल की रफ्तार 12.3 फीसदी रही। कंपनी का परिचालन मार्जिन 24.5 फीसदी रहा, जो ब्रोकरेज के अनुमान से 300 आधार अंक कम रहा और इसे उच्च कर्मचारी लागत व अन्य खर्च ने नीचे खींचा क्योंंकि विपणन, डिजिटलीकरण व विस्तार पर निवेश हुआ। शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 35 फीसदी की भारी गिरावट आई।
कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2023/24 ई के लिए प्रति शेयर आय अनुमान 18 से 20 फीसदी घटाया है, जिसकी वजह गैर-कोविड बिक्री की धीमी रफ्तार और कर्मचारी, तकनीक व विपणन लागत में खासी बढ़ोतरी रही। ब्रोकरेज फर्म के अलंकार गरुड़ और समितिजॉय बसाक ने दिलचस्प प्रवृत्ति को रेखांकित किया है, जो अग्रणी फर्मों पर असर डाल सकता है। उनका मानना है कि दिग्गज फर्मों की प्राइसिंग विभिन्न शहरों में सस्ती संगठित वैकल्पिक लागत से 2 से 4 गुना ज्यादा है, यहां तक कि विशेषीकृत व अर्ध-विशेषीकृत जांच के लिए भी। उनका कहना है कि मेट्रोपोलिस व डॉ. लाल में और गिरावट का जोखिम है, अगर नई कंपनियां अगली कुछ तिमाहियों तक आक्रामक बनी रहती हैं, ऐसे में पुरानी व दिग्गज कंपनियों को भारी छूट की पेशकश के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, मेट्रोपोलिस का शेयर हालांकि अपने 52 हफ्ते के उच्चस्तर से काफी नीचे आया है और यह वित्त वर्ष 24 की आय अनुमान के 36 गुने पर है, लेकिन मूल्यांकन सस्ता नहीं है।
प्राइवेट इक्विटी फंड वाली कंपनियों के अतिरिक्त दवा कंपनियां मसलन ल्यूपिन और मैनकाइंड ने इस क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है, वहीं अस्पताल दिग्गज अपोलो हेल्थकेयर, मैक्स हेल्थकेयर और एस्टर डीएम देश भर में अपनी मौजूदगी का विस्तार कर रही हैं। मेट्रोपोलिस का हालांकि मानना है कि विशेषीकृत जांच/प्रीमियम वेलनेस पर उनके ध्यान से प्रतिस्पर्धा में बेहतर तरीके से बने रहने में उन्हें मदद मिलेगी।
एक अन्य सूचीबद्ध कंपनी थायरोकेयर टेक्नोलॉजिज को भी राजस्व की घटती रफ्तार और मार्जिन का दबाव अल्पावधि में देखना पड़ सकता है। कंपनी का गैर-कोविड राजस्व (कमजोर आधार पर) इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ा, जो चार साल की औसत रफ्तार महज 3 फीसदी बैठता है। मार्जिन 30 फीसदी से नीचे चला गया, जो कोविड पूर्व 35 से 40 फीसदी था, जिसकी वजह आक्रामक कीमत, उच्च फिक्स्ड एम्पलॉयी खर्च और अन्य परिचालन लागत है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि फार्मईजी की तरफ से कंपनी के अधिग्रहण के बाद क्रियान्वयन आने वाले समय में अहम होगा। यह शेयर ब्रोकरेज फर्म की समीक्षा के दायरे में है क्योंंकि मूल कंपनी का आईपीओ आ रहा है और बढ़त को लेकर पहल पर स्पष्टता का अभाव है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने हालांकि इस शेयर को खरीद की रेटिंग दी है। विनय बाफना की अगुआई वाले विश्लेषकों ने कहा है, कम कीमत व उच्च वॉल्यूम की स्ट्रैटिजी वाला कंपनी का मॉडल गैर-कोविड जांच में कुछ सुधार ला सका है। हालांकि सुधार की रफ्तार अन्य समकक्ष फर्मों से धीमी है। हमें लगता है कि लंबी अवधि में फर्मईजी के साथ एकीकरण व आक्रामक बढ़त की रणनीति से वॉल्यूम रफ्तार पकड़ेगा।
|