कागज बनाने वाली कंपनियों के शेयरों की शुक्रवार को मांग देखने को मिली जब सरकार ने कागज के आयात पर जांच-परख में बढ़ोतरी कर दी। वेस्ट कोस्ट पेपर, जेके पेपर, स्टार पेपर मिल्स, आंध्र पेपर और ओरिएंट पेपर के शेयर बीएसई पर 0.8 फीसदी से लेकर 3.6 फीसदी तक चढ़ गए। पेपर मैटीरियल की अवैध डंपिंग पर लगाम कसने के लिए सरकार ने पेपर मॉनिटरिंग सिस्टम (पीआईएम) के तहत अनिवार्य पंजीकरण के लिए आयात नीति में संशोधन किया है। इसके तहत आयातक को कागज के आयात की अग्रिम जानकारी देनी होगी और पंजीकरण संख्या लेनी होगी। आयातक अपने कंसाइनमेंट के आगमन की संभावित तारीख से पांच दिन पहले पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, वहीं स्वत: पंजीकरण संख्या 75 दिन के लिए वैध रहेगी। विश्लेषकों का मानना है कि एंटी-डंपिंग को रोकने के लिए सरकार का कदम देसी कागज कंपनियों के लिए काफी कारगर होगा। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, देसी कागज उद्योग डंपिंग पर अपनी चिंता जाहिर करता रहा है और यह कदम इस क्षेत्र को काफी राहत देगा। यह ऐसे समय में हो रहा है जब पेपर मिलों ने कच्चे माल की बढ़ती लागतों के असर को तटस्थ बनाने के लिए कीमतें बढ़ाई है। सरकार ने 201 तरह के कागज व पेपर बोर्ड मसलन ग्लेज्ड न्यूजप्रिंट, हैंडमेड पेपर, टिशू पेपर और कार्बन पेपर के लिए आयात पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि अग्रणी कागज कंपनियां मसलन वेस्ट कोस्ट पेपर और जेके पेपर को नई आयात नीति से फायदा होगा। उनका तर्क है कि देसी उत्पादन बढ़ेगा और ज्यादा पेपर वॉल्यूम के निर्यात को मजबूत बनाएगा। आईडीबीआई कैपिटल की विश्लेषक अर्चना दुआ ने कहा, कागज आयात के लिए अनिवार्य पंजीकरण पूरे देसी कागज उद्योग के लिए अवधारणा के लिहाज से सकारात्मक है। नई आयात नीति बड़ी फर्मों मसलन जेके पेपर, वेस्ट कोस्ट पेपर को ज्यादा निर्यात के लिए प्रोत्साहित करेगा क्योंंकि उसके पास छोटी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा उत्पादन क्षमता है, जो लो ग्रेड वाले पेपर के लिए आयात पर आश्रित हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि पेपर व पेपर बोर्ड का निर्यात 2021-22 में करीब 80 फीसदी उछलकर 13,963 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वॉल्यूम के लिहाज से कागज निर्यात पिछले पांच साल मेंं चार गुना बढ़कर 28.5 लाख टन पर पहुंच गया है।
