आईडीबीआई बैंक के लिए निवेशक लुभाने की तैयारी | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली May 30, 2022 | | | | |
केंद्र आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए शीर्ष वैश्विक निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की एक टीम इस सप्ताह अमेरिका में रोडशो करेगी।
यह रोडशो अमेरिका में 1 से 3 जून तक होगा, जिसमें वित्त सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव संजय मल्होत्रा, निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एम आर कुमार मौजूद रहेंगे।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र के इस अगले अहम निजीकरण में भागीदारी के लिए अमेरिकी निवेशकों में रुचि है। अधिकारी ने कहा कि सरकार उनके सवालों और चिंताओं का समाधान करेगी और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तरीके पर उनकी राय जानेगी।
अधिकारी ने कहा, 'सरकार पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ आईडीबीआई बैंक की बिक्री को पुनर्गठित करने के बारे में विचार-विमर्श कर चुकी है। अब हम निवेशकों का फीडबैक लेना और उनकी चिंताओं पर केंद्रीय बैंक के साथ विचार-विमर्श करना चाहते हैं।'
इस अधिकारी ने कहा कि पिछले रोड शो में केंद्र ने निवेशकों को बताया था कि वह इस निजीकरण प्रक्रिया में किसी भी तरह की दिक्कत दूर करने के लिए तैयार है। हालांकि केंद्र और एलआईसी ने अभी यह तय नहीं किया है कि वे कितनी हिस्सेदारी बेचेंगे। लेकिन सरकार नए खरीदार की हिस्सेदारी और उसे एक निश्चित समयावधि में कम करने की रूपरेखा पर आरबीआई के साथ बात कर रही है। बैंकों के स्वामित्व के मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रवर्तकों को 15 साल के भीतर बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 26 फीसदी करनी होती है। हालांकि आईडीबीआई बैंक के नए खरीदार को कुछ रियायत दी जा सकती है। इस बिक्री के बाद न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता बनाए रखने पर भी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, 'निवेशकों के लिए आगे की राहत स्पष्ट होनी चाहिए और इस बारे में सबसे पहले निवेशकों के साथ बातचीत की जाएगी। इसके बाद सबसे उपयुक्त समाधान का फैसला लेने के लिए फीडबैक पर आरबीआई के साथ चर्चा की जाएगी।' अधिकारी ने कहा कि निवेश पर कोई फैसला लेने से पहले नए खरीदार को बैंक मुनाफे में लाने के लिए इस पर नियंत्रण और फिर शेयरधारिता में कमी के बारे में सुनिश्चितता की जरूरत होगी।
इस समय आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45.48 फीसदी और एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है। इस समय यह फैसला लिया गया है कि नए खरीदार को कोई विशेष छूट नहीं दी जाएगी और मताधिकार की सीमा 26 फीसदी रहेगी, भले ही वह निवेशक 50 फीसदी या उससे अधिक हिस्सेदारी खरीदे।
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