प्रतिबंध से त्योहारों में मिठास | संजीव मुखर्जी और एजेंसियां / नई दिल्ली May 26, 2022 | | | | |
सरकार ने कल देर रात आदेश जारी कर चीनी का निर्यात 1 करोड़ टन तक सीमित करने का फैसला किया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि इसका मसकद सिर्फ विदेश में चीनी भेजे जाने की निगरानी करना और अक्टूबर-नवंबर के त्योहारों के मौसम में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
पांडेय ने एक संवाददाता सम्मेलन ने कहा कि चीनी की कीमत अन्य जिंसों की तुलना में ज्यादा स्थिर है, लेकिन चीनी निर्यात पर प्रतिबंध का फैसला वैश्विक कमी को देखते हुए खुदरा कीमत में किसी तरह की अप्रत्याशित तेजी को रोकने के लिए किया गया है। भारत में हर महीने 20 से 25 लाख टन चीनी की खपत होती है।
चीनी निर्यात पर प्रतिबंध के साथ सूरजमुखी तेल और सोयाबीन तेल के शुल्क में कटौती की भी घोषणा पिछली रात की गई है। व्यापार और उद्योग जगत का कहना है कि शुल्क कोटा लागू करने अनावश्यक रूप से स्थिति जटिल होगी और इससे बाजार में असंतुलन पैदा होगा।
सोयाबीन एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'मुझे लगता है कि इससे कीमतें संभवत: कम नहीं होंगी, लेकिन इससे कुछ समय के लिए आपूर्ति संबंधी समस्या जरूर पैदा हो सकती है क्योंकि कोटा जुलाई से दिया जाएगा, जिसकी वजह से व्यापारी अपनी शिपमेंट में देरी करना पसंद करेंगे क्योंकि कीमत का अंतर बहुत ज्यादा होगा।'
भारत में हर साल करीब 35 लाख टन सोयाबीन तेल और 20 से 25 लाख टन सूरजमुखी तेल की खपत होती है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में डीलरों के हवाले से कहा गया है कि भारत का पाम ऑयल आयात घटकर पांचवां हिस्सा रह सकता है क्योंकि अब सस्ता सोयातेल ज्यादा बाजार हिस्सेदारी ले लेगा। इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात में कटौती की है और भारत ने सोया तेल के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे दी है।
विश्व के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातक भारत का 31 अक्टूबर को समाप्त विपणन वर्ष में आयात 19 प्रतिशत घटकर 67 लाख टन रहने की संभावना है। यह 2010-11 के बाद का सबसे निचला स्तर है। एक डीलर ने कहा कि सोया तेल का आयात 57 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 45 लाख टन होने की संभावना है ।
इस बदलाव से मलेशिया के पाम ऑयल की कीमत पर दबाव पड़ सकता है और इससे सोया तेल का आयात रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच सकता है और इससे अमेरिकी सोया तेल के फ्यूचर्स कीमत पर असर पड़ सकता है।
भारत ने मंगलवार को 20 लाख टन शुल्क मुक्त सोया तेल और सूरजमुखी तेल के आयात की अनुमति दे दी है जिसका आयात चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में मार्च तक होना है।
चीनी के बारे में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भारत इस साल विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है, और इस साल ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है, जहां इस साल उत्पादन कम है।
उन्होंने कहा, 'इस साल चीनी का निर्यात सर्वाधिक स्तर पर है। पहले ही 90 लाख टन निर्यात के सौदे हो चुके हैं, जिसमें से 75 लाख टन निर्यात हो चुका है।' 2020-21 विपणन वर्ष में भारत से रिकॉर्ड 70 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था।
शेयरों में गिरावट
सरकार की ओर से 1 जून से चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद बुधवार को चीनी के शेयर तेजी से कम हुए हैं। बीएसई में डालमिया भारत शुगर ऐंड इंडस्ट्रीज का शेयर 13.40 प्रतिशत, द्वारिकेश शुगर का 9.38 प्रतिशत, उत्तम शुगर मिल्स का 9.30 प्रतिशत और बलरामपुर चीनी मिल्स का शेयर 8.56 प्रतिशत गिरा है।
साथ ही अवध शुगर ऐंड एनर्जी में 8.04 प्रतिशत, श्री रेणुका शुगर्स 6.69 प्रतिशत और मवाना शुगर्स में 9.97 प्रतिशत गिरावट आई है।
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