इक्विटी बाजारों में ताजा गिरावट का अदाणी समूह कंपनियों के ऊंचे मूल्यांकन पर काफी कम असर पड़ा है। अदाणी समूह कंपनियां शेयर बाजारों में काफी हद तक महंगी बनी हुई हैं और इनके संयुक्त कीमत-आय (पीई) मल्टीपल 105.3 गुना और प्राइस-टु-बुक वैल्यू (पी/बीवी) अनुपात 15.3 गुना पर हैं। अदाणी समूह में सात सूचीबद्घ कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण मंगलवार को 14.44 लाख करोड़ रुपये पर था, जबकि 2021-22 में इनका संयुक्त शुद्घ लाभ 13,715 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022 के अंत में संयुक्त नेटवर्थ का आंकड़ा 94,442.5 करोड़ रुपये पर था। अदाणी पोट्र्स ऐंड स्पेशल इकोनोमिक जोन द्वारा वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने नतीजे अभी जारी किए जाने बाकी हैं। कंपनी की निवेश पूंजी सितंबर 2021 (वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही) के अंत तक की है, वहीं इसका शुद्घ लाभ दिसंबर 2021 में समाप्त पिछले 12 महीने की अवधि का है। अदाणी समूह का संयुक्त बाजार पूंजीकरण दिसंबर 2019 से 617 प्रतिशत तक चढ़ा है, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार पूंजीकरण में समान अवधि में 84 प्रतिशत और टाटा समूह कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में 76 प्रतिशत की तेजी आई। समूह के मूल्यांकन अनुपात अन्य बड़े व्यावसायिक समूहों के अनुपात से कई गुना ज्यादा हैं। तुलनात्मक तौर पर, राजस्व, लाभ और बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी आरआईएल का शेयर 26 गुना और 2.3 गुना के पी/बीवी अनुपात पर कारोबार कर रहा है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण मंगलवार को 17.7 लाख करोड़ रुपये पर था, जबकि वित्त वर्ष 2022 में उसका समेकित शुद्घ लाभ 60,705 करोड़ रुपये और इस साल मार्च के अंत में उसकी नेटवर्थ 7.8 लाख करोड़ रुपये थी। टाटा समूह के शेयर भी सस्ते हैं और मंगलवार को इनका पीई मल्टीपल 27.5 गुना और पी/बीवी अनुपात 6.2 गुना था। 16 प्रमुख टाटा समूह कंपनियां प्रत्यक्ष रूप से टाटा संस द्वारा प्रवर्तित हैं और इनका संयुक्त बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 20.65 लाख करोड़ रुपये था, जबकि इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 में समेकित आधार पर 74,523 करोड़ रुपये का संयुक्त शुद्घ लाभ और 3.32 लाख करोड़ रुपये की नेटवर्थ दर्ज की। अदाणी समूह के शेयरों का मूल्यांकन भी सेंसेक्स शेयरों के मुकाबले काफी ज्यादा है। बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को 22 गुना के पीई मल्टीपल पर कारोबार कर रहा था, जबकि उसका पी/बीवी अनुपात 3.1 गुना पर था। अदाणी समूह की कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 में 14.5 प्रतिशत का इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) दर्ज किया, जो सेंसेक्स कंपनियों के 14.3 प्रतिशत के औसत से थोड़ा ज्यादा और 2020-21 में आरआईएल के समेकित आरओई 7.8 प्रतिशत से काफी ऊपर है, लेकिन टाटा समूह के 22.4 प्रतिशत के संयुक्त आरओई से नीचे है। अदाणी समूह की कंपनियों को ऊंचे मूल्यांकन और बाजार पूंजीकरण से अपनी विकास योजना के वित्त पोषण के लिए बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाने में मदद मिलती है। विश्लेषकों का कहना है कि समूह या तो नए निवेशकों को आसानी से हिस्सेदारी बेच सकता है या फिर ऋणदाताओं के पास शेयर गिरवी रख सकता है।कंट्री डिलाइट ने जुटाए 10.8 करोड़ डॉलर डी2सी फूड एसेंसियल्स ब्रांड कंट्री डिलाइट ने डी सीरीज की फंडिंग के तहत 10.8 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। फंडिंक के इस दौर की अगुआई वेंचुरी पार्टनर्स व टेमासेक ने की, साथ ही इसमें एसडब्ल्यूसी ग्लोबल व टाईफेक्टा कैपिटल ने हिस्सा लिया। मौजूदा निवेशकों आईआईएफएल ऐसेट मैनेजमेंट, एलिवेशन कैपिटल, ओरियस वेंचर पार्टनर्स और मैट्रिक्स पार्टनर्स भी इसमें शामिल हुए। इस लेनदेन ने कंपनी की कुल फंडिंग को 14.7 करोड़ डॉलर पर पहुंचा दिया। साल 2013 मेंं गठित कंट्री डिलाइट देश की अग्रणी डी2सी फ्रेश फूड एसेंंसियल ब्रांड बनने के लिए काफी पप्रगति की है, जो डेयरी, फल व सब्जियां उपभोक्ताओं को उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराती है। पिछले 3 वर्षों में कंट्री डिलाइट 10 गुना बढ़ी है और देश के 15 लाख से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएं दी है। कंपनी ने यह जानकारी दी। कंपनी के सीईओ व सह-संस्थापक चक्रधर गाडे और सीओओ नितिन कौशल ने कहा, कंपनी दशकों पुराने भारतीय खाद्य आवश्यकता के क्षेत्र को अवरोधित करने के मिशन पर है। हमने प्राकृतिक, ताजा और कम से कम प्रसंस्करण वाले खाद्य पदार्थ की डिलिवरी की खातिर तकनीकी व उपभोक्ता केंद्रित जरिया अपनाकर इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। ऐसे सामान सीधे किसानों से लिए जा रहे हैं और उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
