जीएसटी परिषद की बैठक से पहले राज्य ले रहे कानूनी राय | अरूप रॉयचौधरी और श्रीमी चौधरी / नई दिल्ली May 25, 2022 | | | | |
कुछ राज्य जून के मध्य में होने वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से पहले राज्य की जीएसटी दर और मुआवजा नियमों के संबंध में कानूनी राय ले रहे हैं। इस विषय से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि एजेंडा को अब भी अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन इस बात की संभावना है कि कई राज्य जीएसटी मुआवजे से संबंधित मामला उठा सकते हैं और 30 जून की समयसीमा से आगे भी इसे जारी रखने की कवायद कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि राज्य यह जानना चाहेंगे कि जून 2022 के बाद एकत्र मुआवजे को मूल राशि के भुगतान और मुआवजे की कमी के ब्याज तथा राज्यों के प्रति देय बकाया राशि के लिए कैसे विभाजित किया जाएगा।
चूंकि संघीय निकाय की आगामी बैठक सर्वोच्च न्यायालय के इस हालिया फैसले के बाद आयोजित होगी कि परिषद का निर्णय केंद्र और राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी नहीं है, इसलिए विभिन्न मसलों पर असहमति रखने वाले कुछ राज्य इस बैठक में जोरदार ढंग से बात रख सकते है।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टीएस सिंह देव ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले ने राज्यों को एक कर एक राष्ट्र की अवधारणा पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है, क्योंकि राज्यों को कर की दर तय करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी जीएसटी दरों और प्रक्रियाओं को निर्धारित करने में संघीय लचीलेपन की दिक्कतों को उजागर करती है। हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं, क्योंकि टैक्स की दरें मुआवजे से जुड़ी हुई हैं और इसके अनुसार जीएसटी परिषद की बैठक में मामला उठाया जाएगा।
एक अन्य एजेंडा ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी हो सकता है। इसके अलावा जीएसटी परिषद अनुपालन को कड़ा करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और जीएसटी प्रणाली पर मंत्रिस्तरीय समिति की सिफारिशों पर भी विचार कर सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में एक बात यह हो सकती है कि जून 2022 के बाद एकत्र किए गए मुआवजा उपकर का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। क्या राज्यों के बकाये का भुगतान पहले किया जाएगा या क्या मुआवजे की कमी पर ब्याज और मूल राशि को प्राथमिकता दी जाएगी? अधिकारी ने कहा कि ऐसे महत्त्वपूर्ण मामले के संबंध में एक बैठक में फैसला नहीं लिया जा सकता है।
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