अधिकांश फसलें अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी ऊपर कारोबार कर रही हैं और साथ ही कृषि जिंसों के क्षेत्र में उम्मीद दिख रही है, इस कारण अगर मॉनसून अच्छा रहता है, जैसा कि पूर्वानुमान जताया गया है, तो आगामी सीजन में खरीफ कृषि के जिंसों के तहत रकबा सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। मॉनसून की प्रगति के आधार पर दलहन, जहां अन्य फसलों के मुकाबले दाम कम हैं, से कपास, तिलहन या यहां तक कि धान की ओर रुख किए जाने की संभावना है, खास तौर पर मध्य और पश्चिमी भारत में। तकरीबन सभी फसलों के मामले में खरीफ का यह अधिक रकबा ऊंची मुद्रास्फीति के असर से जूझ रहे उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कर सकता है। ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि जिंसों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें, विशेष रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम से कम अगले छह से आठ महीनों तक अधिक रहेंगी। खरीफ फसलों की बुआई जून में मॉनसून के आगमन के साथ शुरू हो जाती है और आम तौर पर देश के मध्य और उत्तरी भागों में बारिश की प्रगति के बाद होती है। खरीफ सीजन में देश के 10.7-10.8 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें उगाई जाती हैं। खरीफ से पहले के सीजन में, जिसे गर्मियों की कटाई भी कहा जाता है, यह रकबा पिछले साल की तुलना में करीब चार प्रतिशत अधिक था। गर्मियों की दलहन की वृद्धि दर करीब 37 प्रतिशत थी। मध्य और पश्चिमी भारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में तिलहन, कपास और यहां तक कि चावल के अलावा भी सब्जियों को फायदा मिल सकता है। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने कहा 'इस साल किसान सोयाबीन के अंतर्गत पांच से सात फीसदी ज्यादा रकबा ला सकते हैं, क्योंकि कीमतें पूरे समय लाभकारी रही हैं और वे अच्छी नजर आ रही हैं।' सरकारी अनुमानों के अनुसार सोयाबीन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में 1.1 से लेकर 1.2 करोड़ हेक्टेयर में उगाई जाती है। मूंगफली और अन्य तिलहनों के मामले में भी ऐसा ही हो सकता है। आईग्रेन इंडिया के जिंस विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि कपास, मक्का और सोयाबीन की ओर रुख किए जाने से आगामी सीजन में दलहन के रकबे में 15 से 20 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के सुरेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक साल में डीजल की कीमतों में तेज वृद्धि हुई है और अन्य इनपुट की लागत में भी ऐसा ही है, इस वजह से कोई भी सामान्य किसान उन फसलों की ओर जाएगा, जिनमें वह उसे लाभकारी प्रतिफल मिल रहा हो।
