समय विस्तार के बावजूद गेहूं खरीद कम | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली May 23, 2022 | | | | |
निर्यात पर प्रतिबंध के बाद केंद्रीय भंडारण के लिए देश की गेहूं खरीद को उल्लेखनीय इजाफे के लिए पिछले सप्ताह के मध्य तक जूझना पड़ रहा था। व्यापार और बाजार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि किसान अपनी उपज को रोके हुए थे, जबकि खुले बाजार में कीमत ने भी प्रतिबंध लगाए जाने के तुरंत बाद हुए नुकसान की कुछ भरपाई की है।
व्यापार अनुमान के अनुसार 18 मई, 2022 तक केंद्रीय भंडारण में करीब 1.812 करोड़ टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है, जो कि 13 मई, 2022 को निर्यात प्रतिबंध लागू होने से पहले तकरीबन 1.796 करोड़ टन थी।
इसका मतलब यह है कि 13 मई, 2022 से लेकर 18 मई, 2022 के बीच 1.6 लाख टन अतिरिक्त गेहूं की खरीद की जा चुकी है। खबर लिखे जाने तक यह संख्या बढ़ चुकी होगी।
व्यापार के सूत्रों ने कहा कि हरियाणा जैसे राज्यों में, जहां खरीद की समयसीमा जल्द खत्म हो रही थी, सरकार द्वारा वहां खरीद की समय सीमा 31 मई तक बढ़ाने के बावजूद पहले चार दिनों के दौरान (19 मई तक) राज्य में आधिकारिक मार्गों के जरिये करीब 4,000 टन गेहूं बेचा गया था।
हरियाणा ने इस साल लगभग 85 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था, जबकि 19 मई तक करीब 43 लाख टन (करीब 49.4 प्रतिशत की गिरावट) की खरीद की गई है। पिछले साल राज्य ने करीब 84.9 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।
दिल्ली के एक व्यापारी ने कहा 'ऐसा लगता है कि किसान और व्यापारी दोनों ही प्रतिबंध के बावजूद सरकारी खरीद केंद्रों के जरिये बड़े स्तर पर बिक्री किए जाने से पहले अपना स्टॉक रोके हुए हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि लंबी अवधि में दाम 2,015 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक बने रहेंगे।'
उत्पादन के मोर्चे पर भी आधिकारिक अनुमानों के संबंध में कुछ सवाल हैं।
केंद्र ने वर्ष 2021-22 के सीजन (जुलाई से जून) में गेहूं उत्पादन का अनुमान फरवरी के 11.132 करोड़ टन से घटाकर 10.641 करोड़ टन कर दिया है, जो 4.39 प्रतिशत की गिरावट है, लेकिन व्यापारिक सूत्रों से इस बात का संकेत मिलता है कि वास्तविक फसल कम है, जो करीब 10 करोड़ टन है।
तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार सरकार का अनुमान पिछले साल के उत्पादन की तुलना में 38 लाख टन कम है, क्योंकि फसल उत्पादन करने वाले मुख्य राज्यों में गर्मी ने उत्पादन कम कर दिया है।
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