भूल न जाना... 31 मई से पहले ही फॉर्म 10बीई ले आना | बिंदिशा सारंग / May 23, 2022 | | | | |
पात्र ट्रस्ट और संस्थाओं को दान देना कोई नई बात नहीं है और इस तरह के दान पर आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तरह कर छूट का दावा करना भी लाजिमी है। मगर इस साल से इस प्रकार के दान पर कर छूट के दावे का तरीका बदल गया है।
पिछले वित्त वर्ष तक इसका तरीका एकदम सरल था। अगर आप सरकार द्वारा पात्र घोषित की गई किसी संस्था या ट्रस्ट को दान देते थे तो आपको उस संस्था से मिली दान की रसीद ही पेश करनी होती थी। मगर इस वित्त वर्ष से आपको फॉर्म 10बीई भी जमा करना होगा और यह फॉर्म दान पाने वाली संस्था से 31 मई से पहले ही प्राप्त करना होगा।
धारा 80 जी में बदलाव
आयकर अधिनियम की धारा 80जी में वित्त अधिनियम 2021 द्वारा संशोधन किया गया है। इस धारा में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत हरेक संगठन (धारा 80जी के अंतर्गत मंजूरी पाने वाले) को आयकर विभाग के पास फॉर्म 10बीडी जमा कराना ही होगा। वास्तव में यह फॉर्म विवरणिका की तरह होगा, जिसमें उस संगठन को मिले सभी प्रकार के दान का पूरा ब्योरा दिया गया होगा।
आयकर विभाग ने हाल ही में फॉर्म 10बीडी भरने के लिए निर्देश भी जारी किया था और उसने फॉर्म उपलब्ध भी कराया था।
मिगलानी वर्मा ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर प्रत्यूष मिगलानी कहते हैं, 'दान प्राप्त करने वाली संस्था को मिले हुए दान की कुल रकम तो बतानी ही है, प्रत्येक व्यक्ति या दानदाता से मिली राशि का ब्योरा भी अलग-अलग देना होगा। अगर किसी व्यक्ति ने एक से अधिक बार दान किया है तो उसकी जानकारी भी उस फॉर्म में मुहैया करानी होगी।'
एबीए लॉ ऑफिस की प्रिंसिपल एवं संस्थापक अनुष्का अरोड़ा बताती हैं, 'दान प्राप्त करने वाली संस्था को जिस वित्त वर्ष में दान की राशि मिली है उसके फौरन बाद वाले वित्त वर्ष में 31 मई से पहले या उस तारीख तक इस फॉर्म को भरना ही होगा।' वह कहती हैं कि यह ऑनलाइन फॉर्म है और इसमें पूछे गए हरेक ब्योरे को ऑनलाइन ही भरना होगा।
शोध संस्थाओं, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और आयकर अधिनियम की धारा 35(1ए) के तहत आने वाली अन्य संस्थाओं को फॉर्म 10बीडी दाखिल करना होता है।
दावों की वैधता जांचना है मकसद
वित्त वर्ष 2020-21 तक कोई भी व्यक्ति जिस संस्था को दान करता था, उससे दान की रसीद लेता था और उसी रसीद को दान के सबूत के तौर पर जमा कर दिया करता था। मगर इसमें एक बड़ा पेच था, जो कर चोरी से जुड़ा था। अभी तक आयकर विभाग के पास धारा 80जी के तहत किए गए कर छूट के दावे की वैधता या सत्यता जांचने का कोई तरीका ही नहीं था।
आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी के पार्टनर मणीत पाल सिंह कहते हैं, 'फॉर्म 10बीडी से सरकार और आयकर विभाग को दान के बारे में किए गए दावों की सत्यता जांचने में मदद मिलेगी। जैसे ही इस फॉर्म को ऑनलाइन भरकर जमा किया जाएगा वैसे ही दान का विवरण दान करने वाले व्यक्ति के फॉर्म 26एएस में दिखने लगेगा।'
दानकर्ता ले आए फॉर्म 10बीई
दानकर्ताओं के लिए धारा 80जी के तहत कर छूट पाने का तरीका बदल दिया गया है। विक्टोरियम लीगलिस में सीनियर असोसिएट आदेश आगरकर कहते हैं, 'संशोधन के बाद धारा 80जी के तहत कर छूट तभी मिल पाएगी, जब ट्रस्ट या संस्था फॉर्म 10बीडी के जरिये आयकर विभाग को दानकर्ता के बारे में सही जानकारी प्रदान करेगी। साथ ही उसे दानकर्ता के नाम दान का प्रमाणपत्र भी जारी करना होगा।'
सिंह समझाते हैं, 'दानकर्ता को अगर कर छूट चाहिए तो उसे ध्यान रखना होगा कि छूट इस प्रमाणपत्र के आधार पर ही मिलेगी। इसलिए जहां भी दान किया है, उस संस्था से यह प्रमाणपत्र जरूर ले लेना चाहिए।'
दान प्राप्त करने वाली संस्था को कर पोर्टल से फॉर्म 10बीई डाउनलोड करना होगा और दानकर्ता के नाम पर दान का प्रमाणपत्र जारी करना होगा।
पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर संदीप बजाज बताते हैं, 'इस प्रमाणपत्र में दान हासिल करने वाली संस्था का ब्योरा होगा मसलन संस्था का नाम, उसकी स्थायी खाता संख्या (पैन), आयकर अधिनियम की धारा 80जी अथवा धारा 35(1) के अंतर्गत मंजूरी क्रमांक आदि। साथ ही इसमें दानकर्ता का पूरा विवरण होगा और यह भी लिख होगा कि उसने कितना दान किया है।'
फॉर्म 10बीई जारी होने की अंतिम तारीख भी 31 मई है।
31 मई का रहे ध्यान
फॉर्म 10बीई का असली फायदा दान करने वालों को ही मिलेगा। बजाज कहते हैं, 'यदि किसी व्यक्ति ने अपने आयकर रिटर्न में दान का उल्लेख करते हुए कर छूट मांगी है और आयकर विभाग उसके दावे को खारिज कर देता है अथवा उसकी जांच का निर्देश देता है तो फॉर्म 10बीई ही उसके लिए ढाल बन सकता है।'
सही तरीका तो यही है कि दानकर्ता 31 मई यानी आखिरी तारीख से पहले ही दान पाने वाली संस्था से फॉर्म 10बीई ले आए और उसे अच्छी तरह से जांच ले ताकि ब्योरे में किसी तरह की चूक न रह जाए। अगर उसमें किसी तरह की गलती दिखती है तो जितनी जल्दी हो सके दान पाने वाली संस्था के पास जाएं और उस त्रुटि को ठीक करा लें। अगर दान पाने वाली संस्था ने फॉर्म 10बीडी में गलत जानकारी भर दी और उसे आयकर विभाग के पास जमा कर दिया तो करदाता को छूट का दावा करने में मुश्किल हो सकती है। मुश्किल इसलिए होगी क्योंकि इस फॉर्म में गलती होने की दशा में उसे ठीक करने की प्रक्रिया अभी तक बताई ही नहीं गई है।
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