चिप किल्लत, जिंस तेजी में जल्द होगा सुधार | शाइन जैकब / May 21, 2022 | | | | |
वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता और हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने उम्मीद जताई है कि यह क्षेत्र जल्द ही वृद्धि की राह पर लौट आएगा। अशोक लीलैंड के कार्यकारी चेयरमैन धीरज हिंदुजा का मानना है कि सेमीकंडक्टर की कमी और जिंस कीमतों में तेजी जैसी चुनौतियां अगले छह महीने में दूर हो जाएंगी। हिंदुजा ने शाइन जैकब से बातचीत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कंपनी की योजना सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
क्या आपको वैश्विक महामारी के बाद मांग में वापसी दिख रही है?
मैं समझता हूं कि मांग में काफी हद तक वापसी हुई है और यह काफी मजबूत है। इक्रा ने अनुमान लगाया है कि एमएचसीवी (मझोले एवं भारी वाणिज्यिक वाहन) में 15 फीसदी और एलसीवी (हल्के वाणिज्यिक वाहन) में 10 फीसदी की वृद्धि दिखेगी। दूसरों ने भी इसी तरह के रुझानों की ओर इशारा किया है। बुनियादी ढांचे और सड़क निर्माण पर सरकार के जोर से इस क्षेत्र को एक मजबूत संकेत मिला है। पारंपरिक तौर पर एमएचसीवी श्रेणी काफी चक्रिय रही है। आमतौर पर 12 से 18 महीनों- इस बार 24 महीनों- की नरमी के बाद तीन से चार साल के लिए वृद्धि दिखती है। उम्मीद है कि अब बुरे दिन लद चुके हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान हम करीब 700 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बना रहे हैं।
चिप किल्लत, जिंस कीमतों में तेजी और शिपिंग संकट से आपकी कंपनी किस प्रकार प्रभावित हुई?
सेमीकंडक्टर ने निश्चित तौर पर हर जगह प्रभावित किया है। जहां तक हमारा सवाल है तो यदि चिप किल्लत नहीं होती तो हम पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुछ हजार अधिक हल्के वाहनों का उत्पादन कर पाते। हमें लगता है कि अगले तीन से छह महीनों के दौरान यह किल्लत जारी रहेगी और उसके बाद उसमें नरमी आनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम चिप विनिर्माता अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए निवेश कर रहे हैं। यदि रूस-यूक्रेन युद्ध न होता तो जिंस कीमतों को नरमी दिख रही होती। मैं समझता हूं कि अगले दो से तीन महीनों के दौरान हमें इस्पात की कीमतों में नरमी दिख सकती है। हमें यही संकेत मिल रहा है। जहां तक वैश्विक लॉजिस्टिक्स परिदृश्य का सवाल है तो भारत आज काफी अच्छी स्थिति में है।
स्विच मोबिलिटी के लिए रकम जुटाने संबंधी योजनाओं की स्थिति क्या है?
हम लगभग 20 करोड़ डॉलर जुटाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं जो अगले दो-तीन वर्षों के पूंजीगत खर्च के लिए आवश्यक है। इसके लिए हम निजी इक्विटी और सॉवरिन फंडों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमें कोई जल्दबाजी नहीं है क्योंकि हम किसी ऐसे निवेशक को तलाश रहे हैं जिसका नजरिया स्विच के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप हो। कुछ निजी इक्विटी खास भौगोलिक क्षेत्र पर केंद्रित हैं जबकि हमारी योजना काफी व्यापक है।
सीएनजी, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन के संदर्भ में आपकी क्या योजनाएं हैं?
हम बाजार में एक ऐसी कंपनी के तौर पर दिखना चाहते हैं जो ग्राहक की सभी जरूरतों को पूरा करने में समर्थ हो। यही कारण है कि हम उस ओर काम कर रहे हैं ताकि हम अगले 12 महीनों में सीएनजी वाहनों की पूरी शृंखला उतार सकें। इसके अलावा अगले 18 से 24 महीनों में हमारे पास एलएनजी और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन भी उपलब्ध होंगे। मेरे विचार से बस और हल्के वाहन श्रेणी में इलेक्ट्रिक की रफ्तार अधिक दिख रही है।
इलेक्ट्रिक वाहन के लिए आपकी क्या योजना है?
स्विच अब एक साल पुरानी हो चुकी है। मैं समझता हूं कि दूसरों के मुकाबले हम बेहतर स्थिति में हैं क्योंकि हम विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों- ब्रिटेन, यूरोप और भारत- के लिए उत्पाद विकसित कर रहे हैं। हमारी नजर बसों की विभिन्न श्रेणियों- सिंगल डेक, डबर डेक और लो फ्लोर- पर है। इसके अलावा हमारी नजर हल्के वाहनों पर भी है जो ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए उपयुक्त होंगे।
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