आईएमएफ ने सुधारा गणित | इंदिवजल धस्माना / नई दिल्ली May 21, 2022 | | | | |
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी गणना की एक त्रुटि में सुधार करते हुए अब यह अनुमान जताया है कि भारत वर्ष 2026-27 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह वही बात है, जो वित्त मंत्रालय पहले से कहता आ रहा है। पिछले महीने आईएमएफ द्वारा दिए गए आंकड़ों में बताया गया था कि यह लक्ष्य वर्ष 2028-29 तक ही हासिल किया जा सकता है, जो मंत्रालय के नवीनतम अनुमानों के दो साल बाद और सरकार द्वारा निर्धारित मूल लक्ष्य से चार साल के विलंब वाली अवधि थी।
आईएमएफ में भारत, नेपाल और भूटान के वरिष्ठ रेजिडेंट प्रतिनिधि लुइस ई ब्रेउर ने ईमेल के जवाब में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आईएमएफ के कर्मचारियों ने डेटा इनपुट की एक त्रुटि का पता लगाया है, जिसकी वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की डॉलर में गणना में त्रुटि हुई थी, जिसे ठीक किया गया था। उन्होंने कहा कि रुपये में वास्तविक और नॉमिनल जीडीपी के आंकड़े प्रभावित नहीं होते हैं। ब्रेउर ने कहा कि अधिक व्यापक रूप से कहें, तो भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से अच्छे ढंग से उबर रही है। वास्तविक जीडीपी मार्च 2022 के अंत तक के महामारी से पहले के अपने स्तर से सुधरकर इससे अधिक होने का अनुमान है। यह सुधार जारी रहने की उम्मीद है, हालांकि इसे बाहरी कारकों सहित नकारात्मक जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने इस महीने की शुरुआत में एक समारोह में आईएमएफ के अनुमानों से असहमति जताई थी।
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