वित्त क्षेत्र के प्रमुखों के लिए नया निकाय | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली May 21, 2022 | | | | |
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (पीएसआईसी) और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) जैसे निकाय के गठन का प्रस्ताव किया है।
वित्तीय सेवा संस्थान बोर्ड (एफएसआईबी) को पीएसबी, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों औऱ सभी सरकारी वित्तीय संस्थानों के लिए नियुक्तियों की सिफारिश करने का अधिकार होगा। सरकार वित्तीय क्षेत्र की नियुक्तियों से दूरी बनाए रखने को इच्छुक है। एक अधिकारी ने कहा, 'एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसके तहत एक साझा निकाय होगा और वह सभी सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में नियुक्ति संबंधी सिफारिश करेगा।' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का विलय नई इकाई में किया जा सकता है, जिसमें नए सदस्य हो सकते हैं।
पहले अधिकारी ने कहा कि इस तरह के संस्थान के चार्टर में यह शामिल होगा कि यह निकाय बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानो में नियुक्ति की सिफारिशें दे सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपिनयों के जनरल मैनेजरों और निदेशकों के पद पर नियुक्ति के लिए बीबीबी के सुझावों को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद यह पुनर्गठन की कवायद की गई है। बीबीबी के चेयरमैन भानु प्रताप शर्मा और तीन अंशकालिक सदस्यों वेदिका भंडारकर, पांजा प्रदीप कुमार और प्रदीप पन्नालाल शाह का कार्यकाल 10 अप्रैल, 2022 को खत्म हो गया था। सरकार ने अब तक न तो किसी नए चेयरमैन या सदस्य की नियुक्ति की है, न पहले के पदाधिकारियों के कार्यकाल बढ़ाए हैं।
बैंक बोर्ड ब्यूरो का गठन 2016 में सिफारिश करने वाले स्वायत्त निकाय के रूप में किया गया था, जिसे सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंक्स (प्रबंधन व विविध प्रावधान) योजना 1980 के तहत अधिसूचित किया था। बीबीबी के गठन औऱ कामकाज के लिए यह एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इसके कामकाज में बैंकों के बोर्ड आफ डायरेक्टरो के चयन औऱ नियुक्ति की सिफारिश करना शामिल है। साथ ही यह केंद्र सरकार को नियुक्ति, कन्फर्मेशन या कार्यकाल में विस्तार और निदेशकों की सेवाएं रद्द करने सहित अन्य सलाह देना था। यह भी कहा गया था कि सरकारी बैंकों को कारोबार की रणनीति विकसित करने और पूंजी जुटाने की योजना बनाने में मदद की जाए। 2019 में बीबीबी के कामकाज करने का दायरा बढ़ा दिया गया और इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में नियुक्ति को भी शामिल कर लिया गया। बहरहाल बीबीबी द्वारा इस तरह की नियुक्तियों की कानूनी वैधता को न्यायालय में चुनौती दी गई।
उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि सरकार भविष्य में किसी विषम स्थिति से बचने के लिए नई इकाई का कामकाज साफ साफ वर्णित करेगी। यह निकाय पीईएसबी की जगह ले सकता है, जिसका गठन केंद्र सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) और सरकार द्वारा उल्लिखित किसी अन्य स्तर पर नियुक्तियों को लेकर सलाह देने के लिए किया गया था।
पीईएसबी में एक चेयरमैन और 3 सदस्य होंगे। सरकार ने पीईएसबी के चेयरपर्सन के रूप में निजी क्षेत्र के पहले विशेषज्ञ के रूप में मल्लिका श्रीनिवासन को चुना है।
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