चीनी दवा से सुधरा शेयर बाजार | बीएस संवाददाता / मुंबई May 21, 2022 | | | | |
भारतीय बाजारों ने पिछले सत्र की पूरी गिरावट की भरपाई आज कर डाली। पिछले सत्र में मंदी की चिंता के कारण वैश्विक बिकवाली के बीच बड़ी गिरावट आई थी। मगर आर्थिक वृद्घि को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरें घटाने के चीन के फैसले से बाजार उछल पड़ा। चीन ने एक साल की बेंचमार्क ऋण दर में कोई बदलाव नहीं किया है और उसे 3.7 फीसदी पर बरकरार रखा है। मगर पांच साल की उधारी प्राइम दर 15 आधार अंक घटा दी है।
सेंसेक्स 1,534 अंक या 2.94 फीसदी चढ़कर 54,326 पर बंद हुआ। गुरुवार को सूचकांक 30 जुलाई 2021 के बाद के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी50 सूचकांक 456.75 अंक या 2.9 फीसदी उछलकर 16,266 पर बंद हुआ। सूचकांक में तगड़ा भारांश रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी का सूचकांक की कुल बढ़त में करीब एक-चौथाई योगदान रहा। शुक्रवार की बढ़त इस साल दूसरी सबसे अधिक और 15 फरवरी के बाद सबसे ज्यादा थी। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'बाजार ने पूरे दिन आत्मविश्वास से भरपूर मगर शांत तेजी दिखाई, जिसे वैश्विक बाजारों, खास तौर पर एशियाई बाजारों से भी मजबूती मिली। चीन के केंद्रीय बैंक ने वृद्धि को सहारा देने के लिए ब्याज दर में अहम कटौती की है, जिससे उभरते बाजारों में उम्मीद फैल गई है। दुनिया भर में आर्थिक मंदी और दर में बढ़ोतरी को लेकर चिंता बनी रहने से निवेशक आगे भी सतर्कता के साथ निवेश करेंगे। एकीकरण के इस दौर में उचित मूल्य वाले शेयर अच्छा प्रदर्शन करेंगे।'
आज की तेजी से बाजारों को छह सप्ताह में पहली साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने में मदद मिली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार बिकवाली के बीच पिछले छह सप्ताह के दौरान बेंचमार्क सूचकांक 10 फीसदी से अधिक टूट गए थे। बाजार से जुड़े लोगों ने कहा कि भारी बिकवाली और कम भाव पर शेयर खरीद के कारण तेजी आई है और बढ़ती मुद्रास्फीति, मौद्रिक सख्ती और यूक्रेन में युद्ध को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, 'इस सप्ताह बाजार दोनों दिशाओं में तेजी से भागा है। निफ्टी 660 अंक के दायरे में घूम रहा है। यह सूचकांक 15,740 के स्तर से ऊपर बने रहने में सफल रहा है। हालांकि ऊंचे स्तरों पर खरीदारी नजर नहीं आई क्योंकि निफ्टी 16,300 से ऊपर नहीं रह पाया। कुल मिलाकर हमारा अनुमान है कि ऊंची महंगाई और आक्रामक ब्याज दर बढ़ोतरी जैसी वृहद आर्थिक चुनौतियों की वजह से अगले सप्ताह भी यह उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसके अलावा एफपीआई की भारी बिकवाली जारी है, जिससे बाजार में दबाव और बढ़ा है।'
वैश्विक वृद्धि की चिंताओं के बीच एफपीआई ने देसी बाजारों से बड़ी निकासी की है। उन्होंने मई में अब तक करीब 40,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। इस तरह इस साल अब तक उनकी बिकवाली 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है।
सेंसेक्स में शामिल सभी 30 शेयर शुक्रवार को बढ़त पर बंद हुए। डॉ. रेड्डीज में सबसे अधिक तेजी रही। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज में दूसरी सबसे अधिक 5.8 फीसदी तेजी रही। बीएसई पर सभी 19 क्षेत्रों के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का धातु सूचकांक करीब 4 फीसदी बढ़ा मगर बीएसई आईटी में महज 1.53 फीसदी उछाल रही।
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