गेमिंग उद्योग की बढ़ी चिंता | शिवानी शिंदे / मुंबई May 20, 2022 | | | | |
एक अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह ने गेमिंग गतिविधियों के लिए एकसमान 28 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दर रखने का प्रस्ताव दिया है। इससे भारतीय गेमिंग उद्योग की चिंता बढ़ गई है।
भारतीय गेमिंग कंपनियों और उद्योग के प्रतिनिधि संगठन ने 18 फीसदी कराधान जारी रखने के लिए प्रस्तुतियां दी थीं। उन्होंने कहा था कि इससे भारतीय गेमिंग उद्योग को वैश्विक गेमिंग उद्योग के अनुरूप किया जा सकेगा।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को चरम विकास क्षमता तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। ऐसे में यह आवश्यक है कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए जीएसटी व्यवस्था को तर्कसंगत एवं प्रगतिशील रखा जाए।
लैंडर्स ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'हालांकि यह स्पष्ट है कि जीएसटी मूल्यांकन 28 फीसदी हो सकता है लेकिन मूल्यांकन के तरीके के बारे में काफी भ्रम की स्थिति है जिसमें शुरुआती जमा, सकल गेमिंग राजस्व और कुल जमा आदि शामिल हैं। मैं समझता हूं कि कमीशन अथवा सेवा शुल्क के अलावा कोई भी मूल्यांकन गेमिंग उद्योग के लिए घातक साबित होगा।'
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के अनुसार, बुधवार को हुई एक अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कराधान अंकित मूल्य अथवा दांव की रकम पर लागू होगा न कि कुल लेनदेन मूल्य पर। कुल लेनदेन मूल्य में पुरस्कार राशि अथवा गेमिंग कंपनी द्वारा अर्जित शुद्ध कमीशन (राजस्व) शामिल है।
उद्योग प्रतिभागियों का यह भी कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग को 28 फीसदी कराधान के दायरे में लाते हुए सरकार ऑनलाइन गेमिंग को घुड़दौड़ अथवा जुआ जैसी श्रेणियों के बराबर रख रही है जबकि 2022 के एशियाई खेल में ई-स्पोट्र्स को शामिल करने की बात की जा रही है।
उद्योग की एक अन्य मांग कौशल और अवसर के खेलों के बीच अंतर को बरकरार रखने की है। मंत्रिसमूह की प्रस्तावित सिफारिशों में इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। उद्योग ने लगातार कहा है कि कौशल वाले खेलों को अलग नजरिये देखने की जरूरत है।
फैनक्लैश के सह-संस्थापक ऋषभ भंसाली ने कहा, 'कौशल और अवसर के खेलों को एक साथ रखने का प्रस्ताव भारतीय गेमिंग उद्योग के लिए काफी घातक साबित होगा जिसका आकार 2026 तक बढ़कर 5 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। इसके लिए 28 फीसदी दर से कराधान उद्योग के नकदी प्रवाह में व्यवधान पैदा करेगा।'
हाउस ऑफ गेमिंग के संस्थापक एवं सीईओ यश परियानी ने कहा कि आगामी दिनों में गेमिंग उद्योग के प्रदर्शन के लिए कौशल और मुद्रीकरण आधारित खेलों के संदर्भ में योगदान के सीमांकन को महसूस करने की प्रासंगिकता को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कराधान में यह वृद्धि निश्चित रूप से गेमिंग क्षेत्र में व्यवधान पैदा करेगी।
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