सहकारी चीनी मिलों को आसान कर्ज पर विचार | अरूप रॉयचौधरी / नई दिल्ली May 19, 2022 | | | | |
सहकारी चीनी मिलें विभिन्न शर्तों के कारण कर्ज पाने में कठिनाई की शिकायत कर रही हैं, जिसे देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खामियां दूर करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा के साथ खाद्य एवं कृषि मंत्री के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बहरहाल यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी उद्योग के किसी प्रतिनिधि ने इस चर्चा में हिस्सा लिया है या नहीं। सूत्रों ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग को कहा गया है कि वह मामले पर विचार करे और बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करे, जिससे ज्यादा कर्ज मुहैया कराया जा सके। उद्योग के एक कारोबारी ने कहा कि सहकारी चीनी मिलें कर्ज पाने में तमाम समस्याओं का सामना कर रही हैं। खासकर गोदामों में पड़ी उनकी चीनी के एवज में कर्ज नहीं मिल रहा है। सहकारी मिलों ने इसके समाधान की मांग की है, जिससे कि उन्हें गन्ना किसानों को समय से भुगतान करने में कोई समस्या नहीं हो।
कुछ मसले एथनॉल संयंत्र स्थापित करने से संबंधित भी हैं, जिन्हें सहकारी मिलों ने उठाए हैं। इसकी वजह से भी उन्हें कर्ज मिलने में दिक्कत हो रही है। सितंबर से शुरू 2021-22 चीनी सत्र में भारत में करीब 350 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। इसमें 35-40 प्रतिशत हिस्सेदारी सहकारी क्षेत्र की होती है।
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