रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने जल्द से जल्द प्रमुख एफएमसीजी कंपनी बनने के लिए पतंजलि आयुर्वेद का पूरा खाद्य कारोबार 690 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है। अधिग्रहीत खाद्य कारोबार में घी, शहद, मसाले, जूस, आटा समेत 21 उत्पाद शामिल हैं। कंपनी के एक सूत्र ने बताया कि रुचि सोया पतंजलि आयुर्वेद को उन उत्पादों के कुल कारोबार पर हर साल एक फीसदी रॉयल्टी का भुगतान करेगी, जिन्हें हस्तांतरण समझौते के तहत हस्तांतरित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि यह कर्ज मुक्त हस्तांतरण है और रुचि सोया आंतरिक कोष से अधिग्रहण का भुगतान करेगी। पतंजलि आयुर्वेद के बोर्ड ने रुचि सोया इंडस्स्ट्रीज को खाद्य कारोबार के इस हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है। यह हस्तांतरण 9 मई 2022 से प्रभावी होगा। इस अधिग्रहण के तहत रुचि सोया को हरिद्वार के पदार्थ और महाराष्ट्र के नेवासा में विनिर्माण संयंत्र मिलेंगे। इस सौदे में पतंजलि आयुर्वेद के खाद्य खुदरा कारोबार से संबंधित कर्मचारियों, परिसंपत्तियों, नियंत्रण, लाइसेंंस एवं मंजूरियां, वितरण नेटवर्क और ग्राहकों का हस्तांतरण भी शामिल होगा। हालांकि इसमें पतंजलि का ब्रांड, ट्रेडमार्क, डिजाइन और कॉपीराइट शामिल नहीं होंगे। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना मेंं कहा है कि सौदे मेंं चालू परिसंपत्तियां शामिल होंगी, लेकिन इसमें ऋण, वाहन, नकदी एवं बैंक बैलेंस शामिल नहीं होगा। इस सौदे का भुगतान तीन किस्तों में होगा। पहली किस्त में कुल खरीद कीमत के 15 फीसदी (103.5 करोड़ रुपये) का भुगतान कारोबारी हस्तांतरण समझौता होते समय या समझौता होने के तीन दिन के भीतर होगा। दूसरे चरण में कुल खरीद कीमत के 42.5 फीसदी (293.25 करोड़ रुपये) का भुगतान कारोबार हस्तांतरण समझौते में उल्लिखित क्लोजिंग तारीख को होगा। तीसरी किस्त में कुल खरीद कीमत के शेष 42.5 फीसदी (293.25 करोड़ रुपये) का भुगतान क्लोजिंग तारीख के साथ होगा। यह लेनदेन 15 जुलाई तक पूरा होने के आसार हैं। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, 'खाद्य कारोबार के अधिग्रहण के लिए यह रणनीतिक पहल बहुत से ब्रांडों के साथ उसके खाद्य उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी और राजस्व एवं एबिटा के लिहाज से वृद्धि में योगदान देगा।' इसमें कहा गया है, 'इस अधिग्रहण के जरिये कंपनी ने यह भी बताया है कि उसने एफएमसीजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बनने की अपनी यात्रा में एक मजबूत एफएमसीजी कंपनी बनने की अपनी स्थिति पक्की की है। यह वादा कंपनी ने अपने एकमात्र एफपीओ के समय शेयरधारकों से किया था।' रुचि सोया इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल ने 10 अप्रैल को कंपनी का नाम पतंजलि फूड्स करने का फैसला लिया था।
