डेरी उत्पादों को एफटीए में शामिल नहीं करना चाहिए : बालियान | संजीव मुखर्जी और एजेंसी / नई दिल्ली May 18, 2022 | | | | |
आने वाले समय में चूंकि भारत बड़ी संख्या में विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने की योजना बना रहा है, इसके मद्देनजर पशुपालन मंत्रालय का दृढ़ विचार है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए दूध और डेरी उत्पादों को कभी भी ऐसे किसी भी व्यापार सौदे का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। यह कहना है राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान का।
सूत्रों के अनुसार भारत ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ (ईयू), खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) और इजराइल के साथ एफटीए की योजना बना रहा है। भारत पिछले कुछ महीनों में यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ पहले ही एफटीए पर हस्ताक्षर कर चुका है। इन सभी देशों में से ब्रिटेन, कनाडा और ईयू विश्व में दूध के महत्त्वपूर्ण उत्पादक हैं।
इस बीच बालियान ने दूध खरीद के दामों में और इजाफे की भी वकालत की, क्योंकि पिछले छह महीनों में इनपुट लागत में तेजी से वृद्धि हुई है।
उन्होंने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में 12-15 सितंबर को होने वाले आईडीएफ वल्र्ड डे समिट की घोषणा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दूध के दाम बढऩे चाहिए, क्योंकि किसानों के लिए इनपुट लागत बढ़ चुकी है, वरना किसानों के लिए पशु पालन व्यावहारिक नहीं रहेगा।
'पोषण और आजीविका के लिए डेरी' विषय के तहत करीब पांच दशक बाद भारत में आईडीएफ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दूध उत्पादन करने वाले 40 से अधिक देशों से डेरी किसानों, डेयरी उत्पाद विनिर्माताओं, वैज्ञानिकों, डेरी संघ के अधिकारियों सहित तकरीबन 1,500 हितधारकों के आने की उम्मीद है।
हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए के तहत 29.8 प्रतिशत शुल्कों या उत्पाद श्रेणियों पर आयात शुल्क रियायत प्रदान नहीं करेगा, जिसमें डेरी उत्पाद, खाद्यान्न, मूल्यवान धातुएं, आभूषण और अधिकांश चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
|