बाजार हलचल | समी मोडक / May 16, 2022 | | | | |
मुश्किलों के बाद भी बनी हुई है आईपीओ की रफ्तार
द्वितीयक बाजारों में तेज बिकवाली और हाल के कुछ आईपीओ को मिली सुस्त प्रतिक्रिया के बावजूद और कंपनियों ने सूचीबद्धता की अपनी योजना के साथ आगे बढऩे का साहस दिखाया है। इस हफ्ते तीन आरंभिक सार्वजनिक निर्गम बाजार में पेश होंगे। इनमें उर्वरक विनिर्माता पारादीप फॉस्फेट्स (इश्यू का आकार 1,502 करोड़ रुपये), लक्जरी घड़ी रिटेलर एथॉस (472 करोड़ रुपये) और डिजिटल सिग्नेचर प्रदाता ईमुद्रा (413 करोड़ रुपये) शामिल हैं। एक निवेश विशेषज्ञ ने कहा, इन तीनों आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में बहुत ज्यादा गतिविधियां देखने को नहीं मिल रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बाजार के मौजूदा हालात में इन आईपीओ को लेकर कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।
एफटीएसई ऑल वल्र्ड इंडेक्स में शेयर
पिछले छह महीने में बाजार मेंं सूचीबद्ध हुई कम से कम पांच कंपनियों के शेयर एफटीएसई ऑल वल्र्ड इंडेक्स में शामिल किए जा सकते हैं, यह कहना है इनसाइट प्रोवाइडर पेरिस्कोप एनालिटिक्स के ब्रायन फ्रिएटस का, जो स्मार्टकर्मा प्रकाशित करती है। इन शेयरों में अदाणी विल्मर (अनुमानित तौर पर 3.76 करोड़ डॉलर का निवेश), एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (3.11 करोड़ डॉलर), स्टार हेल्थ (2.69 करोड़ डॉलर), पेटीएम (2.14 करोड़ डॉलर) और पीबी फिनटेक (67 लाख डॉलर) शामिल हैं। एफटीएसई ग्लोबल इक्विटी इंडेक्स सीरीज के जून में होने वाले पुनर्संतुलन में ये बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसकी घोषणा 20 मई को हो सकती है और 17 जून की ट्रेडिंग बंद होने के बाद यह प्रभावी हो सकता है।
एचएनआई की नई श्रेणी के आंकड़े नहीं
बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की एक नई उप-श्रेणी बनाई है, जिसके आवेदन 2 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच होते हैं। इससे निवेशकों के बीच भ्रम फैला है क्योंंकि इस नई श्रेणी के सबस्क्रिप्शन के आंकड़े स्टॉक एक्सचेंज डिस्प्ले नहीं करते। एक ब्रोकर ने कहा, हमारे कुछ क्लाइंट इस नई श्रेणी के तहत आईपीओ में आवेदन करना चाह रहे थे। यह उन्हें ज्यादा लाभ सृजित करने में सक्षम बनाएगा। लेकिन उन्हें शेयर आवंटन को लेकर भरोसा नहीं है। एक्सचेंजों को नए सेगमेंट के बोली के आंकड़े डिस्क्लोज करना चाहिए, जैसा कि वे अन्य सेगमेंट के लिए करते हैं। सूत्रों ने कहा, नई श्रेणी की बोली के आंकड़े हालांकि उपलब्ध कराए जा सकते हैं, लेकिन एक्सचेंजों को रिपोर्टिंग फॉर्मेट में बदलाव की खातिर सेबी से अनुमति लेनी होगी।
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