सकल एनपीए एक अंक में लाएगा पीएनबी | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली May 13, 2022 | | | | |
सरकार के स्वामित्व वाले पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गोयल ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में अपनी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) घटाकर एक अंक में लाएगा और सुनिश्चित करेगा कि फंसे कर्ज से वसूली में इजाफा किया जा सके।
वित्तीय परिणाम से संबंधित संवाददाता सम्मेलन के बाद गोयल ने कहा, 'हमारा लक्ष्य है कि हरेक तिमाही में फंसे कर्ज की वसूली के मुकाबले ऐसे ऋणों में वृद्घि कम हो। इस योजना के आधार पर, एनपीए के आंकड़े एक अंक में रहेंगे। हम पाक्षिक आधार पर जोनल सर्किल प्रमुखों के माध्यमों से इस पर नजर रखेंगे।'
ऋणदाता ने जनवरी-मार्च के वित्तीय नतीजों की घोषणा बुधवार को की और उसका सकल एनपीए आंकड़ा एक साल पहले के 14.12 से घटकर 11.78 प्रतिशत रह गया। अक्टूबर-दिसंबर 2021 में जीएनपीए 12.88 प्रतिशत था। शुद्घ स्तर पर एनपीए एक साल पहले के 5.73 प्रतिशत और एक तिमाही पहले के 4.9 से घटकर 4.8 प्रतिशत रह गया है।
गोयल ने कहा कि पीएनबी का मकसद शुद्घ एनपीए को वित्त वर्ष 2022-23 में 4 प्रतिशत से नीचे लाने पर रहेगा।
उन्होंने कहा कि बैंक वित्त वर्ष 2022 में फंसे कर्ज से 6,321 करोड़ रुपये की वसूली करने में सक्षम रहा, जबकि पूर्ववर्ती वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 2,498 करोड़ रुपये था। गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) को संदर्भित कुल बकाया फंसे कर्ज का आंकड़ा 68,550 करोड़ रुपये है, जिसके लिए बैंक ने 66,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और कुल प्रावधान कवरेज बढ़कर 97.53 प्रतिशत हो गया है।
गोयल ने कहा, 'इसलिए, यदि एनसीएलटी मामलों से किसी तरह की रिकवरी देखने को मिलती है तो पूरी रकम बैंक का मुनाफा बढ़ाने में मददगार होगी। बैंक एनसीएलटी मामलों के जरिये वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में करीब 2,000 करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद कर रहा है।'
ऋणदाता ने करीब 8,000 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की पहचान की है जो पूरी तरह मुहैया कराए गए हैं, सरकार-समर्थित नैशनल ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) को स्थानांतरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2,700 करोड़ रुपये की एनपीए पहले चरण में एनएआरसीएल को स्थानांतरित की जाएंगे और यह सौदा 2-3 महीने में पूरा हो जाने की संभावना है।
गोयल ने यह भी कहा कि चालू वर्ष में उन्होंने 10 प्रतिशत की ऋण वृद्घि दर्ज की, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 6 प्रतिशत था।
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