नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कहा है कि उसके मौजूदा प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) विक्रम लिमये उनके उत्तराधिकारी की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं। एक्सचेंज को एक ट्वीट में कहा गया, 'विक्रम लिमये ने शुरू से ही स्वयं को अलग रखा है और वे संभावित प्रतिभागियों को लेकर हुई चर्चाओं या नए एमडी एवं सीईओ के चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं थे।' एनएसई का ट्वीट एक उस अन्य ट्वीट के जवाब में सामने आया था जिसमें कहा गया, 'एनएसई के मौजूदा सीईओ विक्रम लिमये ने बीएसई के मौजूदा सीईओ को चुने जाने को लेकर व्यक्तिगत वजहों से कड़ी आपत्ति जताई है।' सूत्रों का कहना है कि एनएसई के बोर्ड ने चुने गए उम्मीदवारों के नाम बाजार नियामक को सौंपे हैं। बाजार नियामक जल्द ही लिमये के प्रतिस्थापन पर निर्णय ले सकता है। सेबी को सौंपे गए नामों का पता नहीं चल सका है। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि स्टॉक एक्सचेंज, नियामकीय, म्युचुअल फंड, ब्रोकिंग एवं निवेश बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारियों ने दिलचस्पी दिखाई है। मार्च में, एनएसई ने एमडी और सीइओ पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। कंसल्टेंसी फर्म कॉर्न फेरी को एनएसई में नियुक्ति प्रक्रियाओं का प्रबंधन करने के लिए नियुक्त किया गया था। हालांकि उम्मीदवारों का चयन एक्सचेंजों की नॉमिनेशन ऐंड रीम्यूनरेशन कमेटी (एनआरसी) द्वारा किया गया था। एनएसई में लिमये का कार्यकाल 16 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। वह अगर अपने पद को छोडऩे का निर्णय नहीं लेते तो अगले पांच साल की कार्य अवधि के लिए पात्र थे। वर्ष 2017 में, सेबी ने नए नियम पेश किए थे जिनमें बाजार इन्फ्रास्ट्रक्चर संस्थान (एमआईआई) के एमडी और सीईओ को दूसरी बार नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत थी। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि कंपनी को नए लोगों की पुन: नियुक्ति के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसके अलावा एमडी और सीईओ को अब पांच-पांच साल के अधिकतम दो कार्यकाल की अनुमति है।
