एलआईसी आईपीओ में रद्द हो सकते हैं 10 लाख आवेदन | समी मोडक / मुंबई May 10, 2022 | | | | |
भारतीय जीवन बीमा निगम के 20,500 करोड़ रुपये के आईपीओ में खुदरा निवेशकों के करीब 10 लाख आवेदन तकनीकी कारणों से खारिज किए जा सकते हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, एलआईसी आईपीओ में करीब 73.4 लाख खुदरा आवेदन मिले हैं। इनमें से सिर्फ 60 से 65 लाख आवेदन ही वैध माने जा सकते हैं। वैध आवेदनों की वास्तविक संख्या का औपचारिक ऐलान सूचीबद्धता से पहले एलआईसी करेगी।
वैसे आईपीओ मेंं तकनीकी वजहों से बोली रद्द करना आम है। पिछले साल जोमैटो के आईपीओ में करीब 30 फीसदी खुदरा आवेदन खारिज किए गए थे।
निवेश बैंकरों ने कहा कि आवेदन रद्द किए जाने की आम वजह मल्टीपल एंट्री, यूपीआई एड्रेस में गलती, नाम और पैन का बेमेल होना आदि शामिल है। कुछ मामलों में धन प्रेषित करने वाले बैंक की तरफ से यूपीआई भुगतान प्रक्रिया की प्रोसेसिंग के दौरान कुछ मसले होने के कारण भी बोली रद्द हो सकती है।
एलआईसी के आईपीओ को करीब 44,000 करोड़ रुपये को बोली मिली। अगर आईपीओ को 60 लाख वैध आवेदन मिलते हैं तो भी यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा होगा, जो रिलायंस पावर के साल 2008 के आईपीओ के 48 लाख आवेदन से ज्यादा है।
इस बीच, द्वितीयक बाजार में कमजोरी का असर एलआईसी के ग्रे मार्केट प्रीमियम पर पड़ा है। सूत्रों ने कहा कि अब जीएमपी 105 रुपये के उच्चस्तर से घटकर मंगलवार को 35 रुपये रह गया। एलआईसी अपने शेयरों की कीमत 949 रुपये तय कर सकती है। खुदरा निवेशकों व पॉलिसीधारकों को क्रमश: 905 व 889 रुपये पर शेयर आवंटित होंगे क्योंंकि सरकार ने इन्हें छूट दी है।सूत्रों ने कहा, बाजार नियामक सेबी और इन्वेस्टमेंट बैंकर की उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में खुदरा व संस्थागत निवेशकों के बीच भुगतान की समयसीमा को लेकर असमानता के मसले पर चर्चा की है।
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